नई दिल्ली: मोहन यादव को मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है. मोहन यादव निवर्तमान सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे हैं और उज्जैन दक्षिण सीट से निर्वाचित हुए थे. उन्हें आरएसएस की भी पसंद माना जाता है.
उज्जैन जिले से तीन बार के विधायक 58 साल के यादव की नियुक्ति को व्यापक रूप से उनके पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान के लिए राजनीतिक राह के अंत के रूप में देखा जा रहा है.
शिवराज के पांव छूकर लिया आशीर्वाद
विधायक दल की बैठक में जब डॉ.मोहन यादव के नाम का एलान किया गया तो मंच पर वह पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के पांव छूते देखे गए और शिवराज सिंह ने आत्मीयता के साथ सिर पर हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद दिया. मोहन यादव मध्य प्रदेश में बीजेपी का बड़ा ओबीसी चेहरा हैं. उनके नाम की घोषणा संभवतः 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए की गई है.
अब तक का राजनीतिक करियर
मोहन यादव का राजनीतिक सफर छात्रसंघ सचिव के रूप में शुरू हुआ. इसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और बाद में एबीवीपी के प्रदेश मंत्री भी रहे. इसके बाद 2013 में मोहन यादव पहली बार विधायक बने. इसके बाद 2018 के मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव में उन्हें फिर से चुना गया.
राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में यादव का प्रभाव तब और मजबूत हुआ, जब उन्होंने 2 जुलाई, 2020 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली.
25 मार्च 1965 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में जन्मे मोहन यादव कई सालों से बीजेपी से जुड़े हुए हैं. हाल के 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मोहन यादव ने कांग्रेस उम्मीदवार चेतन प्रेमनारायण यादव के खिलाफ 12,941 वोटों के अंतर से जीत हासिल करते हुए उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक बने हैं.