चंबा. प्रदेश सरकार दूरदराज के गांवों को जोड़ने के लिए सड़कें तो बना देती हैं, लेकिन उन सड़कों पर ना तो पैराफिन बनाए जाते हैं और ना ही वहां पर तारकोल बिछाया जाता है. जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. चंबा जिला में बहुत से गांव में ऐसे रास्ते हैं जिनको बने हुए करीब पांच सात साल हो चुके हैं.
इस सड़क की वजह से आए दिन यहां दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है. लोगों की नई गाड़ियां इस रास्ते की हालत की वजह से समय से पहले ही खराब हो जाती हैं. ऐसी ही हालत जिला चंबा की मैहला पंचायत में बने मैहला-बंदला मार्ग की है. जिसका करीब छः साल पहले निर्माण किया गया था.
तारकोल न बिछने के कारण पैदल चलने में दिक्कत
मेहला, बंदला व आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें इस सड़क पर तारकोल न बिछने के कारण उन्हें पैदल चलने व वाहन चलाने में काफी दिक्कत होती हैं. इस मार्ग को बने हुए करीब 7 साल हो चुके हैं. लेकिन अभी तक यहां पर न तो पैराफिन व क्रैश बैरियर लगाए गए हैं और ना ही रास्ते में तारकोल बिछाया गया है. सड़क पर जगह-जगह खड्डे व उबड़-खाबड़ होने की वजह से उन्हें गाड़ी चलाने में दिक्कत होती है.
सरकार से आग्रह किया
लोगों ने बताया की करीब 5000 लोग इसी रास्ते से जुड़े हैं जो इसी रास्ते से आते जाते हैं. सरकार से आग्रह किया की इस रास्ते की हालत को सुधारा जाये ताकि लोगों को इस रस्ते पर चलने में कोई दिक्कत ना हो.