किन्नौर. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की खुमारी जहां सर चढ़ कर बोल रही है वहीं इन सब से दूर किन्नौर का मूरंग व नेसंग गांव पूरी तरह से देव संस्कृति के रंग में रंग गये है. मूरंग गांव के कुलदेव और मिगशु 12 वर्षो के बाद खाग पूजा के लिए नेसंग गांव पुहंच गए है. नेसंग गांव पहुंचने पर मूरंग के कुल देव का भव्य स्वागत किया गया.
जिस प्रकार हिन्दू धर्म में कुंभ मेले का आयोजन होता है उसी प्रकार मूरंग देवता के खाग पूजा उत्सव भी ग्रामीणों के लिए कुंभ मेले से कम नहीं है. यह आयोजन 12 हर बारह साल के बाद होता है. इस दौरान दोनों गांव के देवता मिल कर गांव के सुख शाति के लिए कंदराओं में अदृश्य रूप से वास करने वाले शक्तियों की पूजा करते हैं.
इस दौरान मूरंग व नेसंग गांव के कुल देवताओं का मिलन देख सभी श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गये. दो गांव के कुलदेवों के मिलन के बाद सभी ग्रामीण देव वाद्ययंत्रों की थाप पर जम कर लोकनृत्य करने में जुट गये. इस आयोजन में जहां देव आस्था की झलक देखने को मिलती है वहीं लोगों को किन्नौर की संस्किृति को भी देखने का मौका मिला. बता दें कि आधुनिकता के दौर में भी किन्नौर के अंदर आज भी सदियों पुरानी देव परम्परा यथावत रूप से आज भी बरकरार है