नई दिल्ली. अयोध्या मामले की सुनवाई जहां एक तरफ गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में चल रही थी. वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों का एक दल बेंगलुरु में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर से मुलाकात कर रहे थे. जहां अयोध्या मसले को कोर्ट के बाहर हल करने पर विचार मंथन किया गया.
श्री श्री रविशंकर के प्रवक्ता गौतम ने बताया कि बैठक में बेंगलुरु के भी कुछ संगठन शामिल हुए, कुल 16 संगठनों ने प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने कहा कि श्री श्री रविशंकर का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि यह मुद्दा जल्द से जल्द सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटा लिया जाए. मुस्लिम पक्षकार सलमान नदवी ने श्री श्री रविशंकर से मुलाकात पर कहा कि, ‘कोर्ट का फैसला जब आएगा तो यह संवैधानिक होगा. कोर्ट अपना फैसला लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर नहीं करता. उन्होंने कहा कि कानूनी फैसले एक के पक्ष में ही होते हैं वहीं दूसरा पक्ष हार जाता है. उन्होंने कहा कि “हम चाहते हैं कि सभी पक्षों का दिल रखा जाए और सब फैसले से खुश हों.”
6 सदस्यीय इस प्रतिनिधि मंडल में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी मौलाना सलमान हुसैनी नदवी, पूर्व आईएएस अधिकारी अनीस अंसारी, अधिवक्ता इमरान अहमद, टीले वाली मस्जिद के मौलाना वासिफ हसन वैजी, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारूकी, ऑब्जेक्टिव रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट के निदेशक अतहर हुसैन शामिल रहे. लगभग 3 से 4 घंटे तक अयोध्या के भूमि विवाद पर दोनों पक्षों की बैठक चली. रविशंकर मार्च में होने वाली बैठक के पहले एक बार फरवरी में अयोध्या जाएंगे. पिछले साल नवंबर में उन्होंने लखनऊ और अयोध्या मामले के विभिन्न पक्षकारों से बात करके विवाद को आपसी समझौते से निपटाए जाने की बात कही थी.