दून (सोलन). नगर परिषद नालागढ़ में हुई अनियमितताओं के मामले की प्रदेश सरकार ने जांच पुलिस से शुरू करवा दी है. यह कार्रवाई प्रधानमंत्री कार्यकाल के आदेशों के बाद प्रदेश सरकार ने की. नालागढ़ के वार्ड नम्बर-7 निवासी राकेश गौतम व वार्ड नम्बर-4 निवासी नवनीत भारद्वाज ने यह शिकायत प्रधानमंत्री, राज्यपाल, चीफ जस्टिस हिमाचल हाईकोर्ट शिमला, मुख्यमंत्री व पुलिस महानिदेशक को की थी.
इसकी जांच सीबीआई या विजिलेंस से करवाने की मांग की थी. राकेश गौतम व नवनीत भारद्वाज ने कहा कि नगर परिषद द्वारा नालागढ़ शहर में एक शॉपिंग काम्पलैक्स का निर्माण किया जा रहा है, जिसका बिना काम हुए ही ठेकेदार को 15 लाख रुपए की एडवांस पेमेंट कर दी, जबकि काम बंद है.
उन्होंने कहा कि नालागढ़ में जो आईएचएसडीपी के तहत गरीबों के लिए बने मकान कुछ लोगों को गलत दस्तावेजों के आधार पर अलॉट कर दिए. गलत ढंग से आबंटित हुए एक मकान को रद्द करने के एसडीएम ने नगर परिषद को आदेश दिए थे, लेकिन यह मकान खाली नहीं करवाया गया.
उन्होंने कहा कि नालागढ़ में वार्ड नम्बर-1 में कॉलोनी में पार्क व सैफ्टिक टैंक की जमीन पर नगर परिषद द्वारा गलत ढंग से नक्शे पास कर दिए गए थे. वहां पर दुकानों आदि का निर्माण हो गया था, जिसकी शिकायत उन्होंने मई-2014 में की थी. सरकार ने इसकी शिकायत की जांच एसआईटी से करवाने के आदेश दिये, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. नगर परिषद ने वर्ष 2015 में एक पार्षद को गलत ढंग से सरकारी जमीन पर दुकानें बनाने की अनुमति दे दी थी.
इसकी जांच एसडीएम नालागढ़ ने की थी और जांच में यह कहा था कि नगर परिषद ने असंवैधानिक लाभ पहुंचने के लिए सरकारी अचल सम्पति का दुरूपयोग किया है, लेकिन फिर भी कार्रवाई नहीं हुई. नगर परिषद नालागढ़ ने वर्ष 2014 से लेकर अब तक कई महंगे सामान खरीदे है, जिनमें एल.ई.डी. टीवी, एलईडी लाईट, डस्टबीन आदि शामिल है. जिसकी जांच होनी चाहिए.