नई दिल्ली. चीन के बाद भारत दुनिया में आबादी के हिसाब से दूसरा सबसे बड़ा देश है. विशेषज्ञों का मानना है की भारत जल्द ही आबादी के मामलें में चीन को पीछे छोड़ देगा. लेकिन राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की पांचवें चरण की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की तेजी से बढ़ती आबादी पर अंकुश सा लगता दिख रहा है.
कुल प्रजनन दर 2.2 प्रतिशत से घटकर 2 फिसदी
रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुल प्रजनन दर 2.2 प्रतिशत से घटकर 2 फिसदी रह गई है. बता दें कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के जारी हुई है, जिसमें ये आंकड़े सामने आए हैं. रिपोर्ट के अनुसार भारत में सिर्फ पांच राज्य ऐसे हैं जहां प्रजनन दर 2 से ज्यादा है, जिनमें बिहार (2.98), मेघालय (2.91), उत्तर प्रदेश (2.35), झारखंड (2.26) और मणिपुर (2.17) शामिल है.
इन 5 राज्यों में प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा
राज्य | प्रजनन दर |
बिहार | 2.98 |
मेघालय | 2.91 |
उत्तर प्रदेश | 2.35 |
झारखंड | 2.26 |
मणिपुर | 2.17 |
कितने लोगों को किया गया शामिल
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 में 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 707 जिलों के 6.37 लाख परिवारों को शामिल किया गया है. इनमें 7 लाख 24 हजार 115 महिलाएं और 1 लाख 01 हजार 839 पुरुष को शामिल किया गया था.
100 में से 89 बच्चों का जन्म अस्पताल में
जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, अब महिलाएं अस्पतालों में प्रसव के लिए अधिक संख्या में पहुंच रही हैं. नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2005 में जहां 100 में से 79 बच्चों का जन्म अस्पताल में होता था वह 2021 में बढ़कर 89 तक पहुंच गया है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह आंकड़ा 75 से बढ़कर 87 तक पहुंच गया है. जबकि शहरी क्षेत्रों में 100 में से 94 बच्चों का जन्म अस्पताल में होता है.
अरूणाचल प्रदेश, असम, बिहार, मेघालय, छत्तीसगढ़, नागालैंड, मणिपुर, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के लोगों में काफी जागरूकता आई है. पिछले 5 वर्षों में देश के 91 फीसदी से अधिक जिलों में 70 प्रतिशत से अधिक बच्चों का जन्म स्वास्थ्य सुविधाओं में हुआ है.
जारी सर्वेक्षण के अनुसार, 2019-21 के दौरान 18 से 29 साल उम्र की विवाहित महिलाओं में से 25 फीसदी ने कहा कि उनका विवाह भारत में कानूनी रूप से तय विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से पहले हुआ.
राज्य जहां 100 फीसदी जन्म स्वास्थ्य संस्थानों में
पुडुचेरी, गोवा, केरल, लक्षद्वीप और तमिलनाडु में लगभग 100 प्रतिशत बच्चों का जन्म स्वास्थ्य संस्थाओं में हुआ है. वहीं 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 90 फिसदी से ज्यादा का जन्म स्वास्थ्य संस्थानों में हुआ.
दूसरी और नागालैंड में आधे से भी कम (46%) और मेघालय में 58 प्रतिशत बच्चों का जन्म ही स्वास्थ्य संस्थानों में हुआ है.
गर्भनिरोध को लेकर बढ़ी जागरुकता
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार गर्भनिरोधकों को लेकर देश में जागरूकता का स्तर लगभग एक समान ही है. सर्वे के अनुसार 99 फीसदी शादीशुदा महिलाओं और पुरुषों को गर्भनिरोध का कम से कम एक आधुनिक तरीका पता था. लेकिन उनमें से केवल 54.6 फिसदी ने ही उनका इस्तेमाल किया.
दूसरी और नौकरी करने वाली ज्यादातर महिलाएं गर्भनिरोधक इस्तेमाल करने में यकीन रखते हैं. सर्वे के अनुसार 66.3 फीसदी महिलाओं ने कहा कि उन्होंने आधुनिक गर्भनिरोधक इस्तेमाल किए हैं बेरोजगार महिलाओं में यह आंकड़ा 53.4 फीसदी रहा.