सिरमौर (शिलाई). देर रात हुई बरसात से गिरिपार क्षेत्र वासियों का लाखों का नुकसान हुआ है. विभागीय अधिकारी नुकसान का जायजा ले रहे हैं. इस बरसात से एनएच को भी बड़ा नुकसान हुआ है.
तिलोरधार व कमरऊ के बीच एनएच 707 पर एक बड़ा पहाड़ सड़क पर आ गिरा है. जिससे करीब 15 मीटर की सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी और हाटकोटी-शिलाई-पोंटा साहिब नेशनल हाईवे सुबह 6 बजे से लेकर करीब 12 बजे तक बंद रहा. भूस्खलन से विभाग को लगभग 20 लाख रुपए का नुकसान होने की सम्भावना जताई जा रही है.
प्रत्यक्षदर्शी की मानें तो बरसात होने के कारण सड़क पर वाहनों की आवाजाही कम थी. इसलिये जान का नुकसान नहीं हुआ. विभाग को समय पर सूचना दे दी गई. जिसके बाद विभागीय अधिकारी व जेसीबी गाड़ी मौके पर पहुंच गयी. दोपहर 12 बजे के बाद सड़क को वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया है.
हालांकि लोगों में दहशत बरकरार है कि वाहनों के ऊपर दोबारा पहाड़ न गिर जाए. उधर जामना स्कूल के खेल मैदान में भी भारी बरसात होने के कारण पानी भर गया है. स्कूल को बंद कर दिया गया है. बारिश में हर साल इसी तरह पानी भरने से स्कूल का भवन लगातार कमजोर हो रहा है. लेकिन शिक्षा विभाग व सरकार की नींद नहीं टूट रही है.
जामना के ग्रामीण
स्थानीय लोगों ने बताया कि स्कूल के मैदान में हर साल बरसात के मौसम में पानी भर जाता है. पानी स्कूल की दीवारों में रिस कर दूसरी तरफ निकल जाता है. जिससे स्कूल की दीवारें कमजोर हो रही हैं. स्कूल की दूसरी तरफ गहरी खाई होने से भवन गिरने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि विभाग व सरकार को कई बार अवगत करवाया गया है लेकिन बच्चों की जिंदगी से खेल जारी है.
घंटो तक फंसे रहे लोग
एनएच 707 पर बसों में सफर कर रहे लोगों ने बताया कि शिलाई से सुबह पहली बस से निकले थे. लेकिन तिलोरधार में सड़क अवरुद्ध होने के कारण अपने स्थान तक नहीं पहुंच पाए है. सैकड़ों लोग सड़क खुलने का इंतजार करते रहे हैं. कोई कोर्ट जाने वाला था तो कोई शिमला अस्पताल, किसी को घरेलू काम से देहरादून, पोंटा-साहिब जाना था. अचानक हुए इस भू-स्खलन ने सबके रास्ते रोक दिए. लोगों की मांग है कि एनएच 707 पर दोनों साइड दीवारें होनी चाहिए. विभाग को बरसात के मौसम में पहले से ही तैयार रहना चाहिए.