शिमला. हिमाचल प्रदेश की राजधानी में नगर निगम चुनाव के लिए मंगलवार को करवाए गए मतदान में 58.97 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया. साल 2017 में हुए नगर निगम चुनाव की तुलना में इस बार बारिश होने के बावजूद ज्यादा लोगों ने अधिक वोट डाले.
शहर के कुल 93920 में से 55385 मतदाताओं ने मतदान किया. इनमें 29504 पुरुष और 25881 महिला मतदाता शामिल हैं. साल 2017 में हुए नगर निगम चुनाव में 57.8 फीसदी मतदान हुआ था. सभी 34 वार्डों में कुल 153 मतदान केंद्र स्थापित किए थे. सभी केंद्रों पर शाम 4:00 बजे मतदान खत्म हो गया.
बारिश के चलते सुबह के समय मतदान केंद्रों पर कम ही मतदाता पहुंचे. हालांकि, दोपहर के समय मतदान ने रफ्तार पकड़ ली. कंगनाधार को छोड़कर शहर के ज्यादातर वार्डों में मतदान शांतिपूर्ण रहा. शहर के 34 वार्ड से कुल 102 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इन सबका भविष्य अब ईवीएम में बंद हो गया है.
मतगणना कल यानि वीरवार सुबह 10:00 बजे से शुरू हो जाएगी. इस बार मतगणना छोटा शिमला स्कूल में करवाई जा रही है. दोपहर 12:00 बजे तक स्थिति साफ हो जाएगी कि शहर में किसकी सरकार बनने जा रही है.
नहीं पहुंचे मतदाता तो प्रत्याशियों ने किए फोन
मतदान के वक्त प्रत्याशियों की धड़कनें भी बढ़ी रहीं. दोपहर तक जब प्रत्याशियों के परिचित मतदान केंद्रों पर नहीं आए तो उन्होंने वहीं से अपने मतदाताओं को फोन करने शुरू कर दिए.
पंचायती राज संस्थाओं के रिक्त पड़े 92 पदों पर भी हुए उपचुनाव
प्रदेश में कुछ जगह पंचायती राज संस्थाओं के रिक्त पड़े 92 पदों पर उपचुनाव भी हुए. इनमें जिला परिषद ऊना के वार्ड 17 में 46 फीसदी मतदान हुआ. जिला परिषद व पंचायत समिति के मतों की गणना भी 4 मई को सुबह 9:00 बजे संबंधित खंड मुख्यालय में होगी. वहीं पंचायत प्रधान, उपप्रधान और सदस्यों के उपचुनाव के नतीजे मंगलवार देर शाम को घोषित किए गए.
वोटर लिस्ट से नाम गायब कर छीना संवैधानिक हक
रिज मैदान पर चर्च एनेक्सी में रहने वाली मीनू प्रकाश के पूरे परिवार का नाम वोटर लिस्ट से गायब था. बारिश में छोटे बच्चे को साथ लेकर परिवार के साथ होमगार्ड कार्यालय पहुंची मीनू ने कहा कि वोटर लिस्ट से नाम गायब कर हमसे संवैधानिक अधिकार छीना है. इस गड़बड़ी के लिए निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. हमारा परिवार पिछले 37 साल से होमगार्ड कार्यालय स्थित पोलिंग बूथ पर वोट डालता आया है. विधानसभा चुनाव में भी वोट डाला था, इस बार साजिशन सूची से नाम गायब कर दिया है.
उम्मीदवारों को एक महीने के भीतर जमा करना होगा निर्वाचन व्यय
नगर निगम, नगर पंचायतों और जिला परिषद का निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवारों को परिणाम घोषित होने के एक महीने के भीतर सक्षम प्राधिकारी के पास निर्वाचन व्यय जमा कराना होगा. आयोग ने नगर निगम शिमला के निर्वाचन के लिए पांच निर्वाचन व्यय पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए हैं.