जयपुर: विधानसभा चुनाव में सियासी फायदे के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भले ही 19 नए जिलों की घोषणा की हो, लेकिन इसके साथ ही विवाद भी सामने आ रहे हैं. दूदू को जिला बनाने की घोषणा के बाद आसपास के क्षेत्र के लोग इसमें शामिल होने को तैयार नहीं हैं.
सीएम गहलोत ने सोमवार को अपने आवास पर जयपुर जिले के मंत्री-विधायकों को बुलाकर सुझाव लिए. सीएम ने उनके सुझावों पर अमल करने का आश्वासन भी दिया. बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, लालचंद कटारिया, महेश जोशी, विधायक अमीन कागजी, रफीक खान, गंगा देवी, लक्ष्मण मीणा, गोपाल मीणा और वेद प्रकाश सोलंकी शामिल हुए.
जयपुर ग्रामीण बने नया जिला
मंत्री-विधायकों ने सीएम को जयपुर ग्रामीण लोकसभा की तर्ज पर जयपुर देहात के नाम से जिला बनाने का सुझाव दिया और कहा कि इस पर किसी को आपत्ति नहीं है, राजनीतिक दलों में पहले से ही इस नाम से संगठन हैं. सीएम ने आश्वस्त किया कि जनता पर फैसला नहीं थोपेंगे, जनभावना अनुरूप ही इस पर अमल करेंगे.
दूदू पर इसलिए विवाद
चाकसू, फागी, फुलेरा जोबनेर, सांभर, बगरू और बस्सी के लोग दूदू जिले में शामिल नहीं होना चाहते हैं. सांभर को जिला बनाने की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है.
जयपुर लोकसभा क्षेत्र में ही रहें 250 वार्ड
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास विधायक अमीन कागजी और रफीक खान ने जयपुर शहर के दो टुकड़े करने की बजाए एक शहर रखने और सभी 250 वार्ड जयपुर लोकसभा क्षेत्र में रखने की मांग सीएम से की, जिस पर सीएम ने विचार करने का आश्वासन दिया.
नहीं बंटेगा शहर
मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि जनभावना के अनुरूप ही फैसला लेंगे, 1 जयपुर हेरिटेज और ग्रेटर के 250 वार्ड जयपुर शहर लोकसभा क्षेत्र में ही रहेंगे.
बाबू लाल नागर,विधायक दूदू- मैं बात रख चुका हूं…
जिले को लेकर मैं दो बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर अपनी बात रख चुका हूं, इसलिए इस बैठक में जाने का कोई औचित्य नहीं था.