राजगढ़(सिरमौर). ग्राम पंचायत नेरी कोटली में स्नोहट एप्पल वैली क्लस्टर ग्रुप की बैठक में लगभग 50 बागवानों ने हिस्सा लिया. बैठक के अंत में न्यूजीलैंड से आये सेब विशेषज्ञों ने नवीनतम तकनीक का क्लस्टर प्रमुख संजीव रपैईक के बागीचे में लाइव डेमो दिया.
प्रदेश में सेब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये ‘हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना’ का आरंभ कर दिया गया है. परियोजना में एक हजार 134 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.
इस परियोजना के तहत प्रदेश के 12 जिलों के सीमांत बागवानों को क्लस्टर के माध्यम से जोड़ा जा रहा है, जिसमें एक तिहाई महिलाएं होंगी. इस परियोजना में लगभग 30,000 हैक्टेयर भूमि प्रयोग में लाई जाएगी. जिसमें नए एवं पुराने बागीचे को सुधरी हुये वैज्ञानिक तकनीक के तहत लाया जाएगा.
इसके अतिरिक्त चयनित बागवानी उत्पादों जैसे सेब, नाशपाती, चेरी, प्लम, खुमानी, आड़ू, अनार, आम, अखरोट इत्यादि की गुणवत्ता एवं विपणन में पहुंच बनाने के लिए लघु व सीमांत किसानों और बागवानों को कृषि में सहयोग देना इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य रखा गया है. परियोजना से लगभग डेढ़ लाख किसानों, बागवानों एवं इससे जुड़े व्यावसायियों को लाभ होगा. राजगढ़ बागवानी विभाग के एसएमएस डा. उजागर सिंह तोमर ने बताया कि पूरे प्रदेश में अभी तक 194 क्लस्टर गठित हो चुके हैं. ग्राम पंचायत नेरी कोटली में स्नोहट एप्पल वैली क्लस्टर ग्रुप की बैठक एसएएमएस डा. उजागर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें विभागीय अधिकारियों डा. श्यामानंद, डा. रितेश शर्मा, डा. दिनेश ठाकुर, रामानंद शर्मा के अलावा विशेष रूप से बुलाए गए न्यूजीलैंड के विशेषज्ञ जैरी जेल, थौंप्सन, फैसिलिटेटर सुमन क्टोच एवं प्रतिभा वर्मा ने भाग लिया.