नई दिल्ली: मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने के खिलाफ हो रहा विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया. कई संगठनों ने बुधवार को ‘आदिवासी एकता मार्च’ का आह्वान किया, जिसमें हिंसा भड़क गई थी. जहां शुक्रवार सुबह ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगने की जानकारी सामने आई. वहीं भारतीय सेना ने बताया कि अब मणिपुर में हालात नियंत्रण में हैं. सभी कर्मचारियों द्वारा मिलकर कार्रवाई करने से हालात को काबू में लाया जा सका है.
भारतीय सेना के अनुसार, वायु सेना ने C17 ग्लोबमास्टर और AN 32 वायुयानों से लगातार दो दिन असम में उड़ानें भरीं. प्रभावित क्षेत्रों से सभी नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रात भर उड़ानें भरी गईं. वहीं, चुराचांदपुर और अन्य संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च जारी है.
मणिपुर में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश
मणिपुर सरकार ने गुरुवार को आदिवासियों और मेइती समुदाय के बीच बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए अत्यधिक गंभीर मामलों में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया था.
मणिपुर जाने वाली सभी ट्रेनें रोकी गयीं
वहीं, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर सरकार की सलाह पर ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगाने का निर्णय लिया है. एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे के अनुसार, हालात जबतक सही नहीं हो जाते हैं, तब तक कोई ट्रेन मणिपुर में प्रवेश नहीं करेगी. वहीं, भारतीय रेलवे ने बताया कि चार ट्रेनों को रद्द किया गया है. यह फैसला फिलहाल 5 और 6 मई के लिए लिया गया है.
मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में छात्रों के संगठन ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर’ (एटीएसयूएम) ने मार्च बुलाया था. ‘आदिवासी एकता मार्च’ के नाम से हो रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रैली में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया और इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच झड़प शुरू हो गई. अधिकारी ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे.
कई परिवारों ने असम में शरण ली
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मणिपुर संकट पर चिंता जताई है और राज्य की हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि मणिपुर में हाल की घटनाओं से प्रभावित कई परिवारों ने असम में शरण ली है. मैंने कछार के जिला प्रशासन से इन परिवारों की देखभाल करने का अनुरोध किया है. मैं मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के साथ भी लगातार संपर्क में हूं और इस संकट की घड़ी में असम सरकार ने पूरा समर्थन देने का संकल्प लिया है.
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, स्थिति को देखते हुए गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर जिलों और आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया.
राज्य में बंद हुई इंटरनेट सेवाएं
राज्यभर में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है. कर्फ्यू लगाने संबंधी अलग-अलग आदेश आठ जिलों के प्रशासन द्वारा जारी किए गए हैं. इस बीच, सेना ने जानकारी दी है कि मणिपुर नागरिक प्रशासन की अपील पर विभिन्न इलाकों में सेना की तैनाती की गई है. यह तैनाती तीन मई शाम से की गई है. लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है और कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की जा रही है.