शिमला: प्रदेश में फोरलेन निर्माण के दौरान मलबे के ढेर अब बर्दाश्त नहीं होंगे. एनएचएआई ने निर्माता कंपनी को सख्त निर्देश दिए हैं. चिन्हित जगह से बाहर कंपनियां मलबा फेंकती हैं, तो उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है.
NHAI ने जारी किए आदेश
एनएचएआई ने बरसात को देखते हुए यह कदम उठाए हैं. जगह-जगह मलबा फेंकने की वजह से सडक के निचले क्षेत्रों में बाढ़ आने के हालात बने हुए हैं. इन्हें देखते हुए यह निर्देश जारी किए हैं. एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने बताया कि फोरलेन पर मलबे के ढेर अब बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. प्रदेश में कालका-शिमला, शिमला-मटौर, कीरतपुर-मनाली, पठानकोट मंडी और पिंजौर-नालागढ़ समेत अन्य एनएच पर यह आदेश लागू रहेंगे.
उन्होंने कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे पर्यावरण के प्रति अपनी भूमिका को बखूबी निभाएं. गौरतलब है कि केंद्रीय सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दो दिन पहले ही इंडियन रोड कांग्रेस अधिवेशन में पेड़ों को बचाने के आदेश दिए थे. इसमें उन्होंने पेड़ काटने की जगह उन्हें उखाड़ कर दूसरी जगह स्थापित करने के निर्देश दिए थे.
केंद्रीय मंत्री ने देश भर के इंजीनियरों को यह आदेश दिए थे कि वे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सडकों के निर्माण को विश्वस्तरीय पहचान दें. उन्होंने नए एनएच निर्माण के दौरान काटे गए पेड़ों के एवज में 68 हजार पेड़ लगाने की बात कही है.
NHAI किनारे से भी जल्द हटाएं मलबा
एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी ने तमाम निर्माता कंपनियों की एक अहम बैठक ली. इस बैठक के दौरान उन्होंने एनएच के किनारे लगे ढेर को हटाने की बात कही. फोरलेन निर्माण के दौरान जो मलबा निकल रहा है उसे डंप करने के लिए जगह चिन्हित की गई हैं. इन जगहों के अलावा दूसरे स्थानों पर ढेर नहीं लगाए जा सकते हैं. कंपनी प्रबंधकों को इस बात का ख्याल रखना होगा.