सोलन. हिमाचल प्रदेश में एकल नारी शक्ति संगठन की राज्य समन्वयक निर्मल चंदेल इन दिनों उन महिलाओं के लिए मसीहा बनी है. निर्मल उन महिलाओं की मदद कर रही जो रूढ़िवादिता और लोगों की छोटी सोच के चलते घरेलू हिंसा का शिकार हुई हैं. निर्मल चंदेल ने ऐसी सभी पीड़ित महिलाओं को तलाशा और उनकी सहारा बनी. यही नहीं उन्हे अपने पैरों पर खड़े होने के लिए प्रोत्साहित भी किया.
आज प्रदेश भर के सात जिलों में जहां से भी उन्हें महिला प्रताड़ना की खबर मिलती है वहां वह अपनी टीम के साथ पहुँच कर परिवार वालों को जागरूक करती हैं. उन्हे महिलाओं पर अत्याचार करने से रोकती है अगर फिर भी मामला नहीं सुलझता है तो वह कानून का सहारा लेती है. महिलाओं को उनके हक़ के प्रति जागरूक भी करती हैं.
उन्होने बताया कि उनकी संस्था ने शुरुआती दौर में 105 महिलाओं से किया था. जिसमे पहले केवल विधवा महिलाओं को ही शामिल किया गया था. लेकिन जब वह फील्ड में गई तो उन्हे महसूस हुआ कि समाज में ऐसी और भी महिलाऐं है जिन्हें मदद की जरूरत है. इस लिए अब उनकी संस्था तलाकशुदा,असहाय,अपंग,एचआईवी संक्रमित, महिलाओं को भी मदद कर रही है.
आज उनकी संस्था प्रदेश के सात जिलों चंबा, काँगड़ा, ऊन,बिलासपुर ,मंडी ,सोलन और सिरमौर में कार्य कर रही है. अब उनके साथ 15000 से भी ज्यादा महिलाऐं जुड़ी हैं. उनका कहना है की आज भी अनेक महिलाएं अकेली होने की वजह से कई तरह की प्रताड़ना का शिकार बनी हुई हैं और उन महिलाओं को वह उनका हक दिलवाकर ही रहेंगी.
निर्मल चंदेल प्रदेश के मंडी जिला की रहने वाली है और अपने पति की अचानक मौत के बाद वह अकेली पड़ चुकी थी. उसके बाद वह सुत्रा संस्था के सपंर्क में आई. उसके बाद उन्होने अपना सारा जीवन उन महिलाओं को समर्पित कर दिया जिन्हे उनकी जरूरत थी. उन्होने बताया कि सूत्रा संस्था ने ही उन्हे पहचान दिलाई और इतना काबिल बनाया कि आज वह अन्य महिलाओं की मदद कर रही है.
निर्मल चंदेल का कहना है कि संस्था का गठन करते वक्त उन्हें भी उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा उनका कहना है कि इससे पहले उनका हर जगह शोषण होता था यहाँ तक कि न तो उन्हें किसी से बात करने की इजाजत थी ओर न ही उन्हें घर से बाहर निकलने दिया जाता था जिससे कई महिलाए कुंठित होकर आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाती थी. लेकिन जब वह महिलाएं संस्था से जुडी तो उन्हें महसूस हुआ कि समाज में उन्हें भी जीने का उतना ही अधिकार है जितना कि आम नागरिक का.