नई दिल्ली. जन शिकायतों का समाधान करने में नीति आयोग फिसड्डी साबित हुआ है. इस मामले में नेशनल इंस्टीट्यूटशन फॉर ट्रांसफॉर्मिग इंडिया यानी नीति आयोग की रैंकिग 52 केंद्रीय मंत्रालयोंं में सबसे नीचे है. केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण व निगरानी तंत्र की रिपोर्ट के मुताबिक नीति आयोग को एक जनवरी 2014 से 28 दिसंबर 2017 तक 5,883 शिकायतें मिली. इनमें 54 फीसदी शिकायतों का ही निपटारा हो पाया है.
नीति आयोग के बाद अन्य सुस्त विभागों में कोयला मंत्रालय का नाम है. इस मंत्रालय में शिकायतों के निपटारे की दर 84 फीसदी रही है. जन शिकायतों के निपटारे के मामले में विदेश मंत्रालय सबसे तेज रहा है. मंत्रालय को इसी अवधि में 49,558 शिकायतें मिली. विदेश मंत्रालय ने 99 फीसदी शिकायतों का निपटारा किया है.
वहीं, सभी 52 केन्द्रीय मंत्रालय के द्वारा 97 फीसदी शिकायतों का निपटारा किया गया है. पिछले चार सालों में 23,87,513 जन शिकायतें विभिन्न मंत्रालय को प्राप्त हुई हैं. जिनमें से 23,22,751 शिकायतों का निपटारा किया गया है. एक साल से 4,111 शिकायतें लंबित हैं.