पटना. नीतीश कुमार ने 8वीं बार बुधवार 10 अगस्त को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. बता दें कि इससे पहले नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का गठबंधन एनडीए के साथ था. लेकिन अब वो महागठबंधन की सरकार का नेतृत्व करेंगे.
बिहार में राजनीतिक समीकरण
9 अगस्त को बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल का दौर शुरू हो गया था. उस दिन नीतीश कुमार ने दिन भर में दो बार राज्यपाल से मुलाकात की. पहली मुलाकात में उन्होंने एनडीए गठबंधन वाली सरकार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंपा इसके बाद दूसरी मुलाकात में तेजस्वी यादव सहित अन्य विपक्षी महागठबंधन के सहयोगियों सहित राज्यपाल को 165 विधायकों के समर्थन की सूची सौंपी.
नीतीश कुमार को आरजेडी के अलावा वाम दल, कांग्रेस तथा हम का समर्थन प्राप्त हुआ है. 10 अगस्त को दोपहर दो बजे पटना राजभवन में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की.
बीजेपी ने जताई नाराजगी
गौरतलब है कि जेडीयू और बीजेपी के बीच कई हफ्तों से कुछ मुद्दों को लेकर तनाव बना हुआ था, जिनमें जातिगत जनगणना, अग्निपथ योजना, और जनसंख्या नियंत्रण कानून प्रमुख है.
इन मुद्दों पर बीजेपी ने नाराजगी जताते हुए नीतीश कुमार पर जनता के जनादेश का अपमान करने और बीजेपी से विश्वासघात करने का आरोप लगाया. भाजपा नेताओं ने नीतीश कुमार के लिए पलटू राम शब्द का उपयोग करते हुए उन सभी दावों को खारिज किया जिनमें कहा जा रहा था कि बीजेपी जेडीयू को अंदर से तोड़ने का प्रयास कर रही है.