नई दिल्ली. बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार, जिन्होंने वंशवाद की राजनीति को लेकर अपने विरोधियों पर बार-बार निशाना साधा है, अपने बेटे निशांत को पार्टी में शामिल कर सकते हैं। इससे एक अहम सवाल उठता है कि जेडी(यू) के भविष्य के लिए निशांत कुमार की भूमिका कितनी अहम हो सकती है? आइए जानें। बता दें बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री?
निशांत के राजनीति में आने की चर्चा जोर पकड़ रही है, खास तौर पर होली समारोह में उनकी सक्रिय भागीदारी के बाद। जेडी(यू) समर्थकों ने पार्टी मुख्यालय के बाहर पोस्टर भी लगाए हैं, जो निशांत के राजनीति में आने के लिए उनके उत्साह को दर्शाते हैं। पोस्टरों पर लिखा है, “बिहार की मांग, सुन लीजिए निशांत, बहुत-बहुत धन्यवाद।” यह बिहार की राजनीति में निशांत की सक्रिय भूमिका की बढ़ती मांग की ओर इशारा करता है।
ऐसी खबरें भी आई हैं कि वह हरनौत विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव में उतर सकते हैं। उनके पिता नीतीश कुमार भी दशकों पहले इसी सीट से चुने गए थे। हालांकि, निशांत कुमार के राजनीति में आने के बारे में अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है।
जेडीयू के लिए निशांत कुमार क्यों महत्वपूर्ण हैं?
जनता दल (यूनाइटेड) इस समय ऐसे दौर से गुजर रहा है, जहां पार्टी के भीतर युवा और गतिशील नेतृत्व की जरूरत महसूस की जा रही है। बिहार के राजनीतिक हलकों में मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से उनके बेटे निशांत कुमार को सक्रिय राजनीति में लाने की मांग जोर पकड़ने लगी है।
दशकों तक बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले नीतीश कुमार के जाने से नेतृत्व में शून्यता पैदा होगी और पार्टी के कई लोगों का मानना है कि पेशे से इंजीनियर निशांत कुमार उस भूमिका को निभाने और नई ऊर्जा के साथ उनकी विरासत को आगे बढ़ाने की क्षमता रखते हैं।
नीतीश कुमार बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्होंने रिकॉर्ड नौ बार पद की शपथ ली है। मार्च 2000 में केंद्र में वाजपेयी सरकार के कहने पर नीतीश पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री चुने गए थे। हालांकि नीतीश कुमार लंबे समय से वंशवादी राजनीति का विरोध करते रहे हैं और परिवार को शासन से ऊपर रखने के लिए राजद और लोजपा जैसी पार्टियों की आलोचना करते रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि निशांत का राजनीति में प्रवेश जल्द ही हो सकता है। बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही निशांत के राजनीति में आने की संभावना पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी। क्या वह अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए बिहार की राजनीति की बागडोर संभालेंगे? यह तो समय ही बताएगा।