लाहौल स्पीति. कठिन भौगोलिक परिस्थितयों में चार महीने तक लाहौल घाटी के विभिन्न जंगलों में गुजारने के बाद घुमंतू गद्दियों ने गर्म इलाकों की ओर किया रुख कर लिया है. दर्जनों गद्दी समुदाय के लोग थाच घाटी से निचले इलाकों की ओर जा रहे हैं. जिसके चलते घाटी के जंगल एक बार फिर सुनसान होने लगें हैं.
गद्दी समुदाय पुश्तैनी धंधे छोड़ने पर मजबूर
सैकडों सालों से गद्दियों के आने-जाने का सिलसिला जारी है. हालांकि कठोर जीवन शैली होने के कारण नौजवान ने अपनी पुश्तैनी धंधे से किनारा कर अन्य व्यवसाय की ओर ध्यान लगाना शुरू कर दिया है. करीब चार माह लाहौल घाटी के विभिन्न जंगलों में बिताने के बाद घुमंतू गद्दियों ने अपने भेड़ बकरियों के साथ निचले इलाकों की ओर रूख कर लिया है. निचले इलाकों की ओर जाने का सिलसिला पिछले सप्ताह से जारी है. जिसके चलते घाटी के जंगल एक बार फिर सुनसान होने शुरू हो गए हैं.
मालूम हो कि सदियों से घुमंतू गद्दी, गर्मी शुरू होते ही लाहौल घाटी के जंगलों में अपने भेड़ बकरियों व घोड़ों के साथ जाते हैं और अगस्त माह के दूसरे सप्ताह से गर्म इलाकों की ओर जाने का सिलसिला शुरू हो जाता हैं.