नई दिल्ली. देश में वीआईपी कल्चर को लेकर तमाम बहस होती है. नेता चुनाव से पहले वीआईपी कल्चर को ख़त्म करने की तमाम बातें करते हैं. लेकिन सत्ता में आने के बाद यह ख़त्म होने या कम होने के बजाय और बढ़ ही जाता है.
वर्तमान मोदी सरकार भी जब सत्ता में आई तो वीआईपी कल्चर ख़त्म करने की बड़ी-बड़ी बातें हुई. लेकिन हकीक़त कुछ और ही बयाँ कर रही है. एक उच्च स्तरीय समिति की समीक्षा के बाद देश में नेताओं और वीआईपी लोगों को मिलने वाली सुरक्षा का दायरा और बढ़ा है.
सरकार की नई लिस्ट के अनुसार वर्तमान समय में 475 वीआईपी हैं. जो कि यूपीए के समय में इसकी संख्या 330 थी. अभी 60 लोगों को ज़ेड कैटेगरी और 55 नेताओं व वीआईपीज़ को ज़ेड प्लस सुरक्षा मिली है. कांग्रेस के समय में 26 लोगों को ज़ेड कैटेगरी तो 20 लोगों को ज़ेड प्लस सुरक्षा मिली थी.
ज़ेड प्लस की सुरक्षा में 35-40 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं. वहीं ज़ेड कैटेगरी में करीब 30 सुरक्षाकर्मी होते हैं. इसके अलावा 145 लोगों को वाई प्लस सुरक्षा मिली है और 68 लोगों को एक्स कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है. देश में 15 हस्तियों को एनएसजी सुरक्षा मिली हुई है.
जिसमे गृहमंत्री राजनाथ सिंह, लालकृष्ण आडवानी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुलायम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मायावती, फ़ारूक अब्दुल्ला समेत 15 लोग शामिल हैं. वही इसके अलावा 75 लोगों को सीआरपीएफ़ तो इतने ही लोगों को सीआईएसएफ़ की सुरक्षा दी गई है.
वहीं इनमे से कुछ लोगों से एनएसजी की सुविधा वापस ली जा सकती है. जिनमे से अखिलेश यादव और लालू प्रसाद यादव का नाम शामिल है. इसके अलावा खबरों के मुताबिक एक्स और वाई कैटेगरी की सुरक्षा में भी कमी हो सकती है.