कांगड़ा(नूरपुर). हिमाचल प्रदेश में पेड़ों की कोई कमी नहीं है. वहीं कुछ पेड़ लोगों को तंग भी करते हैं. इसी वजह से पठानकोट मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर कंडावल से नूरपुर तक काफी संख्या में पेड़ों को काटा गया. प्रशासन की कार्यशैली तो देखिए कि हादसा न हो, इस वजह से पेड़ों को काटा गया, पेड़ों को काटने के बाद हादसों की आशंका घटने के बजाय बढ़ गई है. हाल ऐसा है कि यहां से गुजरने वाले वाहन चालक कह रहे हैं कि ‘पेड़, तुम खड़े ही अच्छे थे.’
क्या है समस्या
इन पेड़ों को काटने के पीछे तर्क यह दिया गया था कि पेड़ो की वजह से हादसों का खतरा बना रहता है, क्योंकि कुछ पेड़ सड़क के अंदर लगे थे, जिनसे टकराकर हादसे हो सकते थे. परेशानी का सबब बने पेड़ कटने के बाद भी लोगों को परेशान किए हुए हैं. प्रशासन ने जबरदस्त कार्यशैली का प्रदर्शन करते हुए पेड़ तो काट दिया लेकिन पेड़ के नीचे का भाग जिसे ठूंठ या मुंडिया कहा जाता है उसे छोड़ दिया.
हादसों को निमंत्रण देते ठूंठ
अब समस्या यह है कि पहले तो पेड़ दूर से ही दिख जाते थे. लेकिन अब पेड़ कट जाने के बाद नजदीक से भी नहीं दिखता कि सामने कोई पेड़ की ठूंठ है, जिससे टकरा कर कभी भी कोई हादसा हो सकता है. इसलिए लोग कह रहे हैं कि इससे अच्छा होता कि पेड़ काटते ही नहीं. सड़क पर कई जगह लगभग आधे फुट के ठूंठ बिना कटे पड़े हुए हैं. अब देखना होगा कि प्रशासन कब जागती है और इनको साफ करती है. जब हमने नूरपुर में संबंधित अधिकारी(एनएच) अनिल संगराय से बात की तो उन्होंने कहा कि ज्यादातर ठूंठों को काटा जा चुका है, बांकी बचे ठूंठों को भी जल्दी ही काट दिया जाएगा.