शिमला. करीब 18 साल बाद हिमाचल में पुरानी पेंशन योजना की बहाली होने जा रही है. कांग्रेस सरकार के निर्देशों पर वित्त विभाग ने ओल्ड पेंशन का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के वापस लौटने के बाद इस पर प्रेजेंटेशन दी जाएगी.
इसके बाद कैबिनेट से ही यह फैसला करवाया जाएगा. इसकी वजह भी वित्त विभाग ने बताई है. राज्य में ओपीएस को लागू करने के लिए वित्त विभाग ने चार विकल्प तैयार किए हैं. इनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब के फॉर्मेट हैं. साथ ही चौथे विकल्प के रूप में एनपीएस से ओल्ड पेंशन में जाने के बाद पुराने कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन में पेंशन की शर्तों में बदलाव करने की जरूरत भी बताई जा रही है. यदि ऐसा करना पड़ा तो यह पेंशन रूल्स में संशोधन का मामला होगा.
क्या है विकल्प?
सबसे पहला विकल्प पंजाब सरकार द्वारा लिए गए फैसले का है, जिसमें ओल्ड पेंशन को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी जाए और स्कीम बाद में बताई जाए. इससे सरकार को इस फैसले में सबसे मुश्किल सवाल का जवाब ढूंढने में समय मिल जाएगा. यह सवाल है कि भारत सरकार के माध्यम से मार्केट में लगे हिमाचल के 7600 करोड़ रुपए का क्या होगा? इस स्कीम से एकतरफा डिस्कंटीन्यू करने पर इस राशि का अधिकतर हिस्सा जब्त हो सकता है. दूसरे विकल्प के तौर पर राजस्थान का ओल्ड पेंशन फार्मूला है, जिसमें NPS कंट्रीब्यूशन को एकदम बंद कर जीपीएफ खाता खोलने का प्रावधान है.
मुख्यमंत्री सुक्खू इस विकल्प को ही अपनाना चाहते हैं, लेकिन पहले दौर की बातचीत में वित्त विभाग ने इसके जोखिम भी बता दिए हैं. फिर एक विकल्प एक कॉरपस बनाने का है, जिसमें एनपीएस के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन ज्यादा लाभ देने के लिए रिटायरमेंट पर अतिरिक्त वित्तीय मदद की जाएगी. इससे अब तक कंट्रीब्यूशन के तौर पर भारत सरकार में गया पैसा भी हाथ से नहीं जाएगा. देश में कुछ राज्य इसी फार्मूले पर काम कर रहे हैं.
एक विकल्प यह भी है कि यदि एनपीएस को ओल्ड पेंशन में लेना है, तो ओल्ड पेंशन के लिए 10 साल सेवा की अनिवार्य शर्त का क्या होगा? सरकारी सेक्टर में बहुत से कर्मचारी अब ऐसे हैं, जो पांच साल से ज्यादा की अनुबंध सेवा के बाद रेगुलर हुए हैं और उनको रेगुलर सर्विस के 10 साल पूरे नहीं मिल रहे हैं.
जब कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार ओल्ड पेंशन लागू कर देगी तो आईएएस अफसरों का क्या होगा? क्योंकि नए फॉर्मेट में हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को तो ओल्ड पेंशन मिल जाएगी, लेकिन ऑल इंडिया सर्विसेज में नहीं. इन सारे सवालों के जवाब अब मुख्यमंत्री और कैबिनेट के सामने होने वाली प्रेजेंटेशन से मिलेंगे.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक
राज्य में वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने निर्देश दिए थे कि एक कट ऑफ डेट बनाकर कंट्रीब्यूशन भारत सरकार में भेजना बंद कर दी जाए और ओल्ड पेंशन को लागू कर दिया जाए.
क्या इन राज्यों को मिलेगा NPS रकम?
इसके अलावा राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार ने पेंशन रेगुलेटरी के पास NPS के सब्सक्राइबर्स के पैसों को वापस करने के लिए एक प्रस्ताव भेजा है. PFRDA को इन राज्य सरकारों ने चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह सभी NPS सब्सक्राइबर्स के पैसों को वापस कर दें. इस मामले पर PFRDA ने जवाब दिया है कि PFRDA Act, 2013 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके जरिए एनपीएस में जमा पैसों को राज्य सरकारों को दिया जाए.