नाहन. मेडिकल कॉलेज नाहन में कर्मचारियों की लापरवाही से हुई मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. मृतक संजीव शर्मा के परिजनों ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को अल्टीमेटम दिया है कि यदि 5 दिनों के भीतर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कारवाई नहीं की गई तो, वह मेडिकल कॉलेज के बाहर आमरण अनशन पर बैठ जायेंगे. वहीं कॉलेज प्रबंधन ने आनन फानन में जांच टीम का गठन कर दिया है. उचित कार्यवाही की बात कही जा रही है.
मालूम हो कि कुम्हारगली के रहने वाले 55 साल के संजीव शर्मा सांस की शिकायत पर मरीज को मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया, जहां से रोगी को तत्काल ही चंडीगढ़ रैफर करने का फैसला कर एम्बुलेंस में शिफ्ट कर दिया गया . 5 -6 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद तिमारदारों को पता चला कि एम्बुलेंस में ऑक्सीजन का सिलेंडर खाली है. इसके बाद एम्बुलेंस को वापस मेडिकल कॉलेज लाया गया.
ऑक्सीजन सिलेंडर बदलने के बाद दोबारा चंडीगढ़ का सफर शुरू हुआ. लेकिन सेक्टर 32 के मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले ही संजीव ने दम तोड़ दिया था. अपनी शिकायत में परिजनों ने सीधे तौर पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के कर्मचारियों को जिम्मेवार ठहराया है. परिजनों का कहना है कि 2 घंटे तक मरीज को एमरजेंसी में रखा गया और उसके बाद डॉक्टरों ने पीजीआई के लिए रेफर किया गया. वह भी ऐसी एम्बुलेंस में जिसका सिलेंडर 5 किलोमीटर चलने के बाद ही खत्म हो गया. परिजनों ने आरोपी कर्मचारियों व डॉक्टरों को तुरंत निलम्बित करने की मांग की है.
उधर इस बारे में मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट केके पराशर ने बताया कि परिजनों की शिकायत प्राप्त हुई है और दोषी लोगो के खिलाफ कारवाई अमल में लाई जाएंगी. उन्होंने कहा की 3 दिनों के भीतर जांच टीम द्वारा रिपोर्ट पेश की जाएगी.
यह कोई पहला मामला नही है जब मेडिकल कॉलेज नाहन विवादों में आया हो मगर इस बार जो लापरवाही सामने आई है वो बेहद बड़ी है और इसकी कीमत एक शख्स को जान देकर चुकानी पड़ी. अब देखना यह भी होगा की मामले में दोषियों खिलाफ प्रबंधन क्या कारवाई करता है.