देश में नौकरी ढूंढने वाले लोगों में सिर्फ 0.57 फीसदी लोगों को रोजगार मिल पाया है. यानी 500 बेरोजगार लोगों में सिर्फ तीन लोगों को काम मिला है. हालांकि गुजरात और गोवा में 30 फीसदी लोगों को रोजगार मिला. देश के बाकी के राज्यों में रोजगार ढूंढने वाले लोगों में एक फीसदी को भी रोजगार नहीं मिल पाया. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा साल 2012 से सितंबर 2015 तक के सर्वे में यह बात सामने आई है.
श्रम मंत्रालय के अधीन काम करने वाली संस्था नेशनल करियर सर्विस युवाओं को रोजगार दिलवा पाने में फिसड्डी रही. सर्वे में यह सामने आई है कि नेशनल करियर सर्विस के तहत पूरे देश में चलने वाले रोजगार केंद्रों में 14.85 लाख लोगों ने नौकरी लगवाने के लिए आवेदन किया गया. जिसमें 3,000 लोगों को ही रोजगार मिल पाया. इनमें ज्यादतर नौकरियां प्राइवेट सेक्टर में लगी हैं. नेशनल करियर सर्विस रोजगार मेले का भी आयोजन करवाती है. जिसमें नियोक्ता और युवाओं को मिलवाया जाता है. हांलांकि पिछले तीन सालों नेशनल करियर सर्विस के वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की संख्या में वृध्दि आई है.
सर्वे में सामने आया है कि नौकरी के लिए सबसे अधिक पंजीकरण तमिलनाडु से हुआ. इसके बाद पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, केरल और महाराष्ट्र के लोगों ने नौकरी के लिए पंजीकरण करवाया. इन पांच राज्यों से कुल 2.17 लोगों ने अपना पंजीकरण करवाया. जबकि यहां के सिर्फ 27,600 लोगों को पंजीकरण के बाद नौकरी मिल पाई. जो 0.1 प्रतिशत से भी कम है.