नई दिल्ली. जस्टिस लोया मामले में अब विपक्ष एकजुट होने लगा है. जस्टिस लोया मामले में इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर शुक्रवार को विपक्ष के नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से शाम 5 बजे मुलाकात करेंगे. बता दें कि जस्टिस लोया मामले को जस्टिस दवे ने संदिग्ध माना. जजों की बेंच से मामले में स्वतंत्र जांच की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस लोया की मौत की स्वतंत्र जांच कराए जाने की पिटीशन पर सुनवाई की जा रही है.
जस्टिस लोया की मौत मामले में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं. याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई है. पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला के वकील ने कहा था कि जज लोया के शव को मुंबई के बजाए दूसरी जगह क्यों ले जाया गया जबकि उनका परिवार मुंबई में था. इसके साथ ही किसी भी डॉक्टर या सबूतों की जांच नहीं की गयी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब हैं. याचिकाओं में कहा गया है कि इस मामले में स्वतंत्र जांच होनी चाहिए ताकि लोगों के सामने असलीयत सामने आ सके.
तहसीन के वकील ने कहा कि “जज लोया का पोस्टमॉर्टम नागपुर के कुंडा में हुआ. जिसके कोई दस्तावेज नहीं है. 7 फरवरी 2016 को मौत की रिपोर्ट को दर्ज किया गया, सवाल उठता है कि इसे कैसे किया गया, जबकि दस्तावेज कुछ और कह रहे हैं.” मालूम हो कि जस्टिस लोया सोहराबुद्दीन शेख फेक एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे. इसी दौरान 12 जनवरी को हुए एक प्रेस कांफ्रेंस में जस्टिस मदन बी लोकुर, कुरियन जोसेफ, रंजन गोगोई और जस्टिस चेल्मेश्वर ने चीफ जस्टिस पर कई सवाल उठाए थे.