नई दिल्ली. गोरखपुर में हुई मासूमों की मौत ने प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. घटना को लेकर पूरे देश में रोष जताया जा रहा है. सोशल मीडिया यूजर्स और विपक्ष की लगतार आलोचना झेल रही प्रदेश सरकार पर अब बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी निशाना साधा है.
शिव सेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में इस घटना को ‘सामूहिक बाल हत्या’ करार दिया. सामना ने लिखा है “उत्तर प्रदेश की बाल हत्या स्वतंत्रता दिवस का अपमान है. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर अस्पताल में 70 बच्चों की मौत को ‘सामूहिक बाल हत्या ही कहेंगे. यह ग़रीबों की बदकिस्मती ही है. ग़रीबों का दुःख उसकी वेदना और मन की बात समझने के बजाय उनकी खिल्ली उड़ाई जा रही है. जो हुआ उसके लिए कौन ज़िम्मेदार है.’”
सामना में स्वास्थ्य मंत्री पर भी निशान साधते हुए लिखा गया कि अगस्त महीने में ग़रीबों के बच्चें ही क्यों मरते हैं? अमीरों के बच्चे क्यों नही मरते.
बच्चों की हुई हत्या
वहीं कांग्रेस ने भी प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने रविवार को कहा कि अस्पताल में महज़ चार दिन में 70 बच्चों की मौत हुई है. इसके साथ ही साथ राज बब्बर ने इन बच्चों की मौत को हत्या करार दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसके लिए प्रदेश सरकार को ज़िम्मेदार मानती है.
राज बब्बर ने मारे गए बच्चों के परिजनों को एक एक करोड़ रुपये देने की मांग की तथा प्रदेश सरकार के लोगों पर हत्या का मुकदमा चलने की बात कही. इसके अलावा राज बब्बर ने योगी आदित्यनाथ से इस्तीफ़ा माँगा. उन्होंने कहा की कांग्रेस राज्य भर में आंदोलन चलाएगी.
संवेदनहीन और गैरजिम्मेदाराना है स्वास्थ्य मंत्री का बयान
वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्वास्थ्य मंत्री के बयान की निंदा की. मायावती ने उनके बयान को दुखद, संवेदनहीन और ग़ैरजिम्मेदाराना ठहराया. इसके अलावा मायावती ने कहा “दोषियों को बख्शेंगे नही और अपराधियों को बख्शेंगे नहीं आदि सुनते-सुनते प्रदेश की जनता काफ़ी ऊब चुकी है. क्योंकि ऐसी घोषणाओं के बाद न तो कोई सख्त कार्रवाई दोषियों के ख़िलाफ़ हो रही है और न ही शर्मनाक एवं दुखद घटनाएं थम रही हैं.”
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स्वास्थ्य मंत्री के घर पर फेंके गए अंडे
गोरखपुर में हुई मासूम बच्चों की मौत के विरोध में इलाहबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के घर पर अंडे और टमाटर फेंके. समाजवादी छात्र सभा के नेता ने बताया कि यह घटना सरकार की लापरवाही का नतीजा है. इसी के विरोध में छात्रों ने स्वास्थ्य मंत्री के घर पर अंडे फेंके हैं.
हालाँकि पुलिस का कहना है कि अभी तक ऐसी कोई जानकारी नही मिलीं है. इसके अलावा ऐसी किसी भी प्रकार की घटना की शिकायत भी दर्ज नहीं कराई गई है.