नई दिल्ली. अमेरिका ने पाकिस्तान को सुरक्षा मदद और सैन्य साजोसामान की आपूर्ति रोकने की वजह बतायी है. गुरुवार को अमेरिकी प्रशासन के द्वारा कहा गया है कि पाकिस्तान द्वारा आतंकी नेटवर्क पर कोई कार्रवाई नहीं होने की वजह से अमेरिका निराश है. प्रशासन द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि हक्कानी नेटवर्क और अफगान-तालिबान के खिलाफ पाकिस्तान ने सख्ती नहीं दिखाई है.
इसके साथ ही पाकिस्तान में धार्मिक आजादी का घोर उल्लंघन की वजह से अमेरिका ने पाकिस्तान को स्पेशल वॉच कैटगरी में रखा है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीदर नावएर्ट ने फंड में रोक की घोषणा की है. हालांकि उन्होंने यह विवरण नहीं दिया कि कुल कितनी राशि के फंड को राेका जाएगा. उन्होंने कहा कि यह रकम काफी ज्यादा है. पाकिस्तान को दिये जाने वाले फंड की कटौती अस्थायी है. हक्कानी नेटवर्क और अफगान-तालिबान पर संतोषजनक कार्रवाई और अातंकवादियों के खिलाफ कदम उठाने पर यह सहायता राशि एक बार फिर शुरू की जा सकती है.
The United States has foolishly given Pakistan more than 33 billion dollars in aid over the last 15 years, and they have given us nothing but lies & deceit, thinking of our leaders as fools. They give safe haven to the terrorists we hunt in Afghanistan, with little help. No more!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 1, 2018
साल के पहले दिन ट्रंप प्रशासन ने करीब 25.5 करोड़ डॉलर की सहायता राशि रोक दी थी. ट्रंप ने कहा था कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ज्यादा सख्ती दिखानी होगी. ट्रंप ने अपने ट्वीट में कहा, “अमेरिका ने 15 सालों में पाकिस्तान को 33 बिलियन डॉलर की सहायता दी और उन्होंने बदले में कुछ भी नहीं दिया सिवाय झूठ और धोखे के. वे सोचते हैं कि हमारे नेता बेवकूफ हैं. हम अफगानिस्तान में जिनसे लड़ रहे हैं वे उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं. अब और नहीं.” पिछले साल ट्रंप ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान आतंकवादियों का सुरक्षित पनाहगार बन गया है.