चंबा. चंबा जिले के सदर इलाके में स्थित खजियार गांव अपनी खूबसूरती की वजह से भारत का स्विट्जरलैंड कहलाता है. इस बार पंचायत टाइम्स की टीम के संवादादाता राजन पांडेय, यहां स्थित पैराग्लाइडिंग की जगह से स्थानीय लोगों के साथ लाइव हुए. स्थानीय लोगों से बात-चीत कर वह इलाके की समस्याओं और चुनावी मूड को समझने की कोशिश करते हैं.
खजियार
खजियार इलाके के बारे में राजन बताते हैं कि यह चंबा सदर के इलाके में पड़ता है और पर्यटन के लिहाज से चंबा की सबसे पुरानी और नामचीन जगह है. खजियार में एक बड़ा ढलान वाला मैदान है जिसके चारों ओर देवदार के जंगल हैं. पैराग्लाइडिंग के लिये भी यह इलाका खासा लोकप्रिय है. अगर गर्मियों के मौसम में आएं तो बारिश भी होती रहती है और जाड़े में यहां बर्फ भी गिरती है.
राजनीति
चंबा सदर की सीट पिछली दो बार से भाजपा के कब्जे में रही है. बी के चौहान नाम के एक व्यक्ति जो सेवानिवृत हो चुके हैं. उनसे लाल कृष्ण आडवाणी ने राजनीति में आने के लिये कहा था. जिसके बाद वह राजनीति में भी उतरे और विधायक भी बने. 2012 के चुनाव में भी वह मैदान में उतरे और 19000 वोटों के साथ विजयी हुए. उनके साथ मुकाबले में कांग्रेस के पवन नैय्यर थे. वह 17000 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे जबकि उन्ही के पार्टी के एक बागी को 10000 वोट मिले थे. इस बार वही पवन नैय्यर भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि कांग्रेस से नीरज नैय्यर को टिकट मिला हैं. बी के चौहान निर्दलीय मैदान में उतरे हैं. यह इलाका डलहौजी से सटा है.
यहां पैराग्लाइडिंग का काम करने वाले कुछ लोगों के साथ राजन लाइव बात-चीत करते हैं-
बच्चों को पैराग्लाइडिंग का काम कराने वाले स्थानीय लोग बताते हैं वह इस काम के 200-300 रुपये लेते हैं जबकि बड़ों की पैराग्लाइडिंग की व्यवस्था ऊपर पहाड़ियों पर है. एटीएम न होना यहां की सबसे बड़ी समस्या है जिसकी वजह से पर्यटकों को यहां सबसे ज्यादा दिक्कतें आती हैं. एटीएम के लिये उन्हे चंबा या डलहौजी जाना पड़ता है. चंबा खजियार से 24 किलोमीटर दूर है या डलहौजी जो 22 किलोमीटर दूर है वहां वापस जाना पड़ता है. यहां तक कि किसी के बीमार होने पर उसे पालकी में डाल कर चंबा या डलहौजी ही ले जाना पड़ता है क्योंकि रोड खराब होने की वजह से और किसी जरिये से उसे नहीं ले जाया जा सकता. शाम होते-होते पर्यटकों की सारी भीड़ गायब हो जाती है.
मदन लाल बताते हैं कि चार लाख रुपया लगा कर खजियार गांव वालों ने खुद अपनी मेहनत से अपनी रोड बनायी है. किसी पार्टी के होने, ना होने से यहां कुछ फर्क नहीं पड़ता इसलिये हम लोग इस बार मतदान पेटी खाली ही भेजने की सोच रहे हैं. जीत के लिये वह कांग्रेस-भाजपा की 50 फीसदी संभावना बताते हैं. काम के बारे में पूछने पर लोग बताते हैं कि कांग्रेस के एक पूर्व विधायक हर्ष महाजन ने यहां काफी काम कराया है. उसके बाद यहां कोई काम नहीं हुआ.