गोहत्या और बीफ खाने को लेकर देश में चल रहे इस विवाद को लेकर पाञ्चजन्य के पूर्व संपादक व आरएसएस के नेता तरुण विजय ने कहा है कि उत्तर भारत के खाने-पीने की चीजों की आदतों को पूरे देश पर थोपा नहीं जा सकता है. उन्होंने पाञ्चजन्य में लिखे अपने लेख में कहा है कि गो रक्षकों को स्वामी विवेकानंद और सावरकर को पढना चाहिए तब उन्हें यह समझ में आएगा कि उत्तर भारत के खाने –पीने की चीजों को पूरे भारत में नहीं थोप सकते. उन्होंने अपने लेख में यह भी कहा कि हमें विकास के मुद्दों पर बात करनी चाहिए.साथ ही यह भी कहा कि केंद्र सरकार देश में कई क्षेत्र जैसे बिजली,पथ निर्माण,महिला सशक्तिकरण को लेकर काम कर रही है. हमें उन मुद्दों को लेकर आगे बढ़ना चाहिए.
उन्होंने यह भी लिखा है कि गोरक्षक क़ानून को अपने हाथ में हाथ में लेने कि बजाय गाय के प्रति श्रद्धा दिखाए और उसका अपने सार्वजनिक जीवन में सम्मान करना सीखे. तरुण विजय का कहना है कि लोगों को यह समझना चाहिए कि उत्तर भारत ही पूरा देश नहीं है. इसलिए देश के हरेक क्षेत्र के लोगों का सम्मान करना चाहिये.