कांगड़ा (बैजनाथ-पपरोला नगर पंचायत). नगर पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पर पार्षद तल्ख़ हो गए हैं. 6 पार्षदों ने आरोप लगाया है कि अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए नगर पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने कोर्ट का सहारा लिया है. पार्षदों का कहना है कि करोड़ों रुपया नगर पंचायत के पास पड़ा हुआ है पर लेकिन उसका कोई उपयोग नहीं हो रहा.
पार्षद कांता देवी के नेतृत्व में पार्षद अमित कपूर, रुचि कपूर, अनीता सूद, कविता चौधरी तथा रमेश कुमार ने विश्रामगृह बैजनाथ में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि 14 जुलाई को उन्होंने अविश्वास मत पारित किया था.
पार्षदों ने कहा कि टेंडरों को अपनी मर्जी से लगाने, पिछले डेढ़ वर्ष से किए गए कार्यों का हिसाब मांगने पर उसका कोई जवाब नहीं देने, कार्यवाही रजिस्टर में हमारे हस्ताक्षर को नहीं लेने, मीटिंग का रेगुलर ना होने की वजह से अविश्वास प्रस्ताव लगाये गए थे.
उन्होंने नगर पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पर आरोप लगाए हैं कि बैजनाथ में मेलों के दौरान कूड़ेदान को किराए पर लेने की बात कही गई थी लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि यह डस्टबिन खुद बनवाए गए हैं जिसका कोई टेंडर पास नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि नगर पंचायत में स्ट्रीट लाईट के लिए पोल लगाने के लिए प्रस्ताव डाला था लेकिन उसका आज तक टेंडर नहीं हो पाया जबकि लाइटें अध्यक्षा के घर में पड़ी हैं
पार्षदों ने आरोप लगाया है कि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा सचिव की मर्जी ही चलती है उसमें पार्षदों का का कोई रोल नहीं होता. पार्षदों ने कहा कि उन्हें किसी भी प्रकार की योजनाओं के बारे में नहीं बताया जाता और न ही उन्हें विश्वास में लिया गया. उन्होंने बताया कि नगर पंचायत के घिरथौली वार्ड में अभी भी लगभग 50 लोगों के घर में शौचालय नहीं बन पाया है.
उन्होंने वार्ड नंबर 10 के पार्षद मुकेश शर्मा पर आरोप लगाया है कि पार्षद मुकेश शर्मा पपरोला पंचायत के प्रधान रह चुके हैं तथा आज भी वह अपनी प्रधान की मोहर का उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मोहर के जरिए पार्षद ने काफी घोटाले किए होंगे.
नगर पंचायत के वार्ड नंबर 10 के पार्षद मुकेश शर्मा का कहना है कि मैंने अपनी मुहर चुनाव से पूर्व जमा करवा दी थी मेरे ऊपर प्रधान की मोहर रखने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है जो सरासर गलत है.