चंबा. जिले की भौगोलिक स्थिति की वजह यहां पर अक्सर सड़क हादसे होते रहते हैं. पहाड़ी क्षेत्रों में सड़के इतनी छोटी होती हैं कि वहां पर गाड़ियों को पास लेने में भी काफी दिक्कतें होती है. इन सड़कों पर हर वर्ष दर्जनों लोग सड़क हादसों में अपनी बेशकीमती जान गवांते हैं. जिसका मुख्य कारण वहां हादसे की जगह पर पैराफिट या फिर क्रैश बैरियर का ना होना माना जाता है. लेकिन बावजूद इसके विभाग की ओर से ब्लैक स्पॉट तय करने के बाद भी यहां क्रैश बैरियर नहीं लगाए जाते हैं.
हुआ था बड़ा हादसा
चंबा के गागला से धुलाडा मार्ग की बात करें तो इस मार्ग पर बड़ा हादसा हुआ था. एक बस हादसे में करीब 50 लोगों ने अपनी जान गवाई थी. इस मार्ग के किनारे बना मंदिर उन लोगों की याद में बनाया गया है जिन्होंने उस बस हादसे में अपनी जान गंवाई थी.
वाहन चालकों का दुःख
सफर कर रहे वाहन चालको ने बताया इस मार्ग पर सड़क इतनी छोटी है और यहां पर गाड़ी को पास देना मुश्किल हो जाता है. सड़क के किनारे क्रैश बैरियर न होने की वजह से यहां पर हर समय घटना का अंदेशा बना रहता है. वाहन चालकों ने बताया कि एक तो सड़क छोटी है ऊपर से इतने खतरनाक रास्ते हैं, अगर यहां पर कहीं गलती से कोई दुर्घटना हो जाए तो बचना मुश्किल है. उन्होंने विभाग से आग्रह किया है कि जल्द से ब्लैक स्पॉट पर क्रैश बैरियर लगाया जाए ताकि वह चैन से सफ़र कर सकें.
चल रहा है काम
इस विषय में जब एक्ससियन पीडब्ल्यूडी चंबा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जहां-जहां ब्लैक स्पॉट है वहां पर काफी हद तक क्रैश बैरियर लगा दिए गए हैं और सभी दुर्गम क्षेत्रों वाली सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाने का काम जोरों पर है. जल्द ही सभी सड़कों पर क्रैश बैरियर लगा दिए जाएंगे. अब देखने वाली बात यह है कि विभाग की ओर से कही जाने वाली बात कहां तक सच होती है और कितनी जल्दी सड़क के किनारे क्रैश बैरियर लगाकर लोगों को सुविधा दी जाती है.