कांगड़ा(धर्मशाला). हिमाचल पेंशनर्स कल्याण संघ जिला कांगड़ा ने आज अपनी लंबित मांगों को लेकर रैली का आयोजन किया. करीब एक हजार से अधिक पेंशनरों ने जिला मुख्यालय धर्मशाला में शहीद स्मारक से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ़ नारे लगा कर प्रदर्शन किया.
इस रैली में पेंशनर्स द्वारा प्रदेश सरकार को सहायक उपायुक्त कांगड़ा के माध्यम से राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप कर अपनी लंबित मांगों को पूरा करने का आग्रह किया. हिमाचल पेंशनर्स कल्याण संघ जिला कांगड़ा की रैली की अध्यक्षता हिमाचल पेंशनर्स कल्याण संघ के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह जसवाल ने की.
हिमाचल पेंशनर्स कल्याण संघ के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह जसवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा की कांगड़ा ज़िले के जितने भी पेंशनर्स हैं, वे इस सरकार को यहाँ से ललकारते हैं. अगर प्रदेश सरकार पेंशनर्स की आवाज को सुनती है तो वे सरकार की हर चीज को मानने के लिए तैयार हैं.
उन्होंने कहा की अगर एक महीने के अंदर उनकी मांगों को नहीं माना जाता है, तो वे यहाँ से सरकार को बता दते हैं की आने वाले विधानसभा चुनावों में किसी भी क्षेत्र से वोट नहीं मिलेगा और साथ-साथ खुलकर उनके खिलाफ काम भी किया जाएगा.
गौरतलब है कि संघ द्वारा प्रदेश सरकार से मांग की जा रही है कि पंजाब के तर्ज पर 65, 70 व 75 वर्ष की आयु पूरा करने वाले पेंशनर्स को मिलने वाले 5, 10 व 15 प्रतिशत भत्तों को मूल पेंशन में समायोजित कर अतिरिक्त पेंशन का लाभ दिया जाए. इस मांग को पूर्व विधानसभा चुनावों के दौरान पूरा करने का वादा किया था, लेकिन इस पर कोई उचित कदम नहीं उठाया गया.
इसके अलावा उन्होंने पेंशनर्स के चिकित्सा भत्ते को एक हजार रुपए किए जाने, पेंशनर्स की ग्रेड पे को 1-1-06 से बढ़ाने तथा 1-1-06 से पहले सेवानिवृत्त हुए जिनकी 33 साल नौकरी पूरी थी, उनको भी 50 प्रतिशत बेसिक पे के आधार पर पेंशन देने की मांग उठाई है.
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि वर्ष 2003 के बाद सरकारी विभागों में तैनात हुए कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन स्कीम में लाना चाहिए. यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो मंत्री-विधायकों की भी पेंशन बंद की जानी चाहिए.