नाहन. कोलावालाभूड़ में मजाड़ा नदी पर पुल नहीं बनने से यहाँ के लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं. इन दिनों भारी बारिश के कारण मजाड़ा नदी उफान पर है. जलस्तर बढ़ने के बाद नदी को पार करना खतरे से खाली नहीं रह गया है. लोग यहां घंटों बैठ कर पानी कम होने का इन्तजार करते हैं. पिछले 3 दिनों से यहाँ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है. कोलावालाभूड़ नाहन चुनाव क्षेत्र में पड़ता है.
नदी पर कई सालों से पुल बनाने की मांग उठती रही है मगर शासन और प्रशासन के कानों पर जूं तक नही रेंग रही है. अबतक यहां के प्रतिनिधियों की तरफ से लोगों को मात्र आश्वसन ही मिलते रहे हैं. हज़ारों की संख्या में लोग प्रतिदिन मजाड़ा नदी को पार करते हैं. इसी रास्ते से जहाँ कर्मचारी व स्कूली बच्चों का आना जाना रहता है, वहीं औद्योगिक क्षेत्र कालाअम्ब की तरफ जाने वाले सैंकड़ों कामगारों को भी यह नदी पार करनी पड़ती है. ऐसे में यह नदी हर किसी के लिए आफत बन गई है. पानी के बहाव में बहने का खतरा यहाँ हर समय बना रहता है.
सरकारी व निजी बस चालक यहाँ सवारियों की जान जोखिम में डाल कर सफर कर रहे हैं. लोगो का कहना है कि खासकर बरसात के समय मजाड़ा नदी परेशानी का कारण बन जाती है. नदी का जलस्तर बढ़ जाने से कर्मचारी व स्कूली बच्चे गन्तव्य स्थान तक नहीं पहुंच पाते हैं. इन सबके बावजूद प्रशासन सबकुछ जानते हुए अनजान बना हुआ है.
मजाड़ा नदी पर पुल निर्माण की मांग को लेकर कोई गंभीर होता नजर नहीं आ रहा है. प्रशासन व प्रतिनिधि सालों से लोगों को यह बात कहकर पल्ला झाड़ देते हैं कि पुल बनाने के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है. मगर हकीकत यह है कि समस्या को लेकर कोई गंभीर नहीं है. सवाल उठता है कि क्या शासन-प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इन्तजार है?