मंडी (सरकाघाट). हिमाचल विधनासभा चुनाव सिर पर है, नेता जनसभाएं करके जनता से बड़े-बड़े वादे करने में लगे हुए हैं. लेकिन असल में हिमाचल प्रदेश में लोग मूलभूत सुविधाओं से ही वंचित हैं. उपमंडल की ग्राम पंचायत सधोट मेन बाजार व आसपास के गांव में पिछले 20 दिनों से पानी न आने से सैकड़ों ग्रामीण पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं. मेन बाजार में तो जल के कोई प्राकृतिक स्रोत भी नहीं है. लोग नल के पानी पर ही निर्भर है. हालांकि यहां कहने के लिए विभाग ने एक हैंडपम्प भी लगाया है. जिससे मिट्टी मिला गंदा पानी निकलता है.
लोग मजबूर
लोगों को मजबूरन यही गंदा पानी को पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. लेकिन जो मध्यम परिवार के लोग महंगा पानी का टैंकर मंगवा कर जैसे-तैसे गुजारा चला रहे हैं. गांव के लोगों ने बताया कि पहले रिस्सा पेयजल योजना का पानी इन गांव के दिया जाता था. तब पानी की कोई कमी नहीं रहती थी. लेकिन जब से वाहरू मोरतन स्कीम का पानी सधोट को दिया जा रहा है. तभी से पानी समस्या खड़ी है.
नहीं सुनता विभाग
गांववासियों ने आगे बताया कि इससे पहले कई बार विभाग को पानी की समस्या के बारे में बताया गया है. लेकिन कोई भी कारवाई नहीं हुई है. उन्होंने सिंचाई एवं जल स्वास्थ्य विभाग से मांग कि है कि हमे रिस्सा स्कीम से जोड़ा जाए. वहीं से पानी नियमित सप्लाई दी जाए. इस बारे जब विभाग के अधिशासी अभियंता एस के जसवाल से बात की गई तो बताया कि पेयजल स्रोत में कमी आने से समस्या आई है. शीघ्र ही वैलकल्पित प्रबन्ध कर समस्या को हल किया जायेगा.