शिमला. गुड़िया न्याय मंच, शिमला नागरिक सभा व अन्य सामाजिक संगठनों ने गुड़िया को न्याय दिलवाने के लिए हाइकोर्ट हिमाचल प्रदेश के बाहर मुंह पर काली पट्टियां बांधकर मौन प्रदर्शन किया. इस दौरान हाइकोर्ट के बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहा. गुड़िया न्याय मंच ने कहा है कि प्रदेश में अंधेरगर्दी व जंगलराज कायम है. इसलिए सैकड़ों लोग मुंह पर काली पट्टियां बांधकर उच्च न्यायालय के सामने आए हैं ताकि इस मामले में सीबीआई पर शिकंजा कसे व गुड़िया को न्याय मिल सके. मंच ने कहा है कि अब केवल उच्च न्यायालय से ही उम्मीद बची है.
गुड़िया न्याय मंच के सह संयोजक व शिमला नागरिक सभा के अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि जनता का विश्वास पुलिस व सीबीआई से पूरी तरह उठ चुका है. सीबीआई द्वारा गुनाहगारों को पकड़ने के लिए दस लाख रुपये की घोषणा ने उनकी किरकिरी कर दी है. उन्होंने सीबीआई की कार्यप्रणाली पर गम्भीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि जिन लोगों पर जनता को सबसे ज्यादा सन्देह था, सीबीआई ने उन पर जांच करने के बजाए उन्हें सरकारी गवाह बना दिया. जो नौ पुलिस अधिकारी व कर्मचारी जेल में है, उनका नेतृत्व करने वाले हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक पर जांच क्यों नहीं कि गयी.
विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि प्रदेश की पुलिस के बाद अब सीबीआई की कार्रवाई भी संतोषजनक नहीं है. लगभग साढ़े पांच महीने बीतने के बावजूद भी गुड़िया के कातिलों व बलात्कारियों का कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस और सीबीआई की संवेदनहीन व लचर
कार्यप्रणाली के कारण जनता में भारी रोष है. गुड़िया के दरिंदे आज भी सरेआम खुले घूम रहे हैं.
हाइकोर्ट के बाहर हुए मौन प्रदर्शन में गुड़िया न्याय मंच सह संयोजक व शिमला नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, शिमला नागरिक सभा सचिव कपिल शर्मा, किशोरी ढटवालिया, उत्तम चौहान, अम्बेडकर सभा के प्रीतपाल सिंह मट्टू व नरेश गांधी, पहचान वीमेन वेलफेयर सोसाइटी की बिंदु जोशी, सीटू से बलबीर पराशर, बाबू राम, रिशु गर्ग, जनवादी महिला समिति से फालमा चौहान, सोनिया,आशु भारती, कलावती, अमिता सूद, जनवादी नौजवान सभा से अशोक ठाकुर, पेंशनर्ज एसोसिएशन से जगमोहन ठाकुर, रंजीव कुठियाला, रामप्रकाश, एसएफआई से ज्योति, दिनित देण्टा, रमन थारटा, पवन शर्मा, अनिल नेगी, जीवन, अनिल आदि मौजूद रहे.