सिरमौर. ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान सिरमौर में रफ्तार पकड़ता दिख रहा है. अभियान को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन ने ‘नारी की चौपाल’ प्रोजेक्ट शुरू किया है. इसके तहत ‘बेटी है अनमोल’, स्वच्छता और नशा निवारण के लिए कार्यक्रम चलाया जाएगा. ‘नारी की चौपाल’ प्रोजेक्ट को सिरमौर की 10 पंचायतों में शुरु किया गया है. कार्यक्रम के अंतर्गत महिलाओं को मतदान के लिए भी प्रेरित किया जाएगा. मालूम हो कि इन्ही पंचायतों में महिलाओं ने मतदान में सबसे कम रूचि दिखाई थी.
‘नारी की चौपाल’ कार्यक्रम, महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इसके जरिए स्वच्छता, नशा निवारण, मताधिकार के साथ-साथ अन्य सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों पर लोगों को जागरूक किया जायेगा. साथा ही, महिलाओं को उनके अधिकारों और केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी. देश में घट रहे कन्या लिंग अनुपात को लेकर भी ग्रामीण महिलाओं को जागरूक किया जायेगा.
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किये जा रहे ‘नारी की चौपाल’ कार्यक्रम को सिरमौर जिला की 10 पंचायतो में ग्रामीण अभिकरण एवं सुगमता सेवाओं के तौर पर आरम्भ करने की योजना है. इन सभी पंचायतों में लिंगानुपात में अपेक्षाकृत बड़ा अंतर देखने को मिला है. सिरमौर के उपायुक्त वीसी बडालिया ने बताया कि जिला में यह कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास विभाग के मार्फ़त चलाया जायेगा. उन्होंने विभाग को आपस में तालमेल बिठा कर योजना को शीघ्र अमलीजामा पहनाने के निर्देश दिये हैं.
हालांकि जिला प्रशासन इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये पूरी तरह जुटा है, लेकिन कई दुर्गम क्षेत्रों में इस अनूठी पहल को अमलीजामा पहनाना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है. अब देखना होगा कि महिला सशक्तिकरण का यह अनूठा अभियान जिले में कितना सफल हो पाता है!