नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के प्रगति मैदान में नेशनल टेक्नोलॉजी डे 2023 के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वैज्ञानिक परियोजनाओं का उद्घाटन किया. यह कार्यक्रम राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के 25वें वर्ष के समारोह के प्रारंभ का प्रतीक होगा, जो 11 से 14 मई तक आयोजित किया जाएगा. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कई वैज्ञानिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी और स्मारक डाक टिकट व सिक्का भी जारी किया.
पीएम मोदी ने समारोह में कहा, मैं उस दिन को कभी नहीं भूल सकता जब अटल जी ने भारत के सफल परमाणु परीक्षण की घोषणा की थी. इससे भारत ने न केवल अपने वैज्ञानिक सामर्थ्य को साबित किया था बल्कि भारत के वैश्विक कद को भी ऊंचाई दी थी. 2014 के बाद से भारत ने जिस तरह से साइंस और प्रौद्योगिकी पर जोर दिया है, जिसकी वजह से वह बड़े बदलावों का कारण बना है.
रिक्शा वाले तक डिजिटल ओनरशिप का कर रहे यूज
समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब टेक्नोलॉजी सामान्य भारतीय की पहुंच से बाहर थी, लेकिन भारत का यूपीआई आज अपनी सरलता की वजह से न्यू नॉर्मल बन गया है. आज रेहड़ी-पटरी वालों से लेकर रिक्शा वाले तक, डिजिटल ओनरशिप का उपयोग कर रहे हैं.
आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है और ये ग्रोथ उस समय में है जब दुनिया आर्थिक रूपांतरों के दौर से गुजर रही है. ये भारत का सामर्थ्य दिखाता है, भारत का टैलेंट दिखाता है. आज भारत हर उस दिशा में आगे बढ़ रहा है जो एक टेक लीडर कंट्री के लिए जरूरी होता है. 2014 में हमारे देश में करीब 150 के आस-पास ही इन्क्यूबेशन सेंटर थे, आज भारत में इन्क्यूबेशन सेंटरों की संख्या 650 भी पार कर चुकी है.
उन्होंने आगे कहा, हमने जो स्टार्टअप इंडिया अभियान शुरू किया है, जो डिजिटल इंडिया अभियान शुरू किया, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई. उसने भी प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत की सफलता को नई ऊंचाई दी है. भारत के यंग माइंड्स को इनोवेशन की ओर प्रेरित करने के लिए पिछले 9 सालों में देश में एक मजबूत बुनियाद को झोंक दिया गया है. कुछ साल पहले शुरू की गई अटल टिंकरिंग लैब्स आज देश की इनोवेशन नर्सरी बन रही है. एक समय था जब डेबिट और क्रेडिट कार्ड को जेब में रखना स्टेटस सिंबल हुआ करता था, लेकिन आज समय आ गया है जब भारत का यूपीआई अपनी सरलता के कारण न्यू नॉर्मल हो गया है.