नई दिल्ली. शनिवार को जम्मू कश्मीर की पुलिस ने चोटी काटने की अफवाह के पीछे ‘कट्टरपंथी तत्वों’ को दोषी ठहराया. वहीं घाटी में महिला की चोटी काटने के विरोध में जबरन घाटी बंद करने को लेकर राजनीतिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है.
पुलिस ने बताया कि उत्तर कश्मीर की जांच में यह पता चला है कि जिस तरह से महिला पर हमला किया गया उसके तीन उद्देश्य थे. श्रीनगर स्थित एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पहला उद्देश्य वहां की शांति में खलल डालना था, दूसरा सुरक्षाबलों और लोगों के बीच दुश्मनी पैदा करना, ख़ासकर पुलिस से और तीसरा उद्देश्य महिलाओं के बीच में भय का माहौल बनाना जिससे वह बाहर न निकलें और घर तक ही सीमित रह जाएं.
पुलिस ने कहा की बारामूला में 45 लोगों की पहचान की जा चुकी है, जिसमे से ज़्यादातर सार्वजनिक तौर पर अपना इरादा ज़ाहिर करने के लिए ज़ाकिर मूसा (जो अलक़ायदा के कश्मीर सेल का प्रमुख है) के समर्थन में नारे लगा रहे थे.
बारामूला पुलिस ने कहा कि 18 अक्टूबर को सेना पर हमला करने में शामिल 18 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस ने कहा कि एक पत्थरबाज़ कैसर बिलाल भट ने यह साज़िश रची जिससे कश्मीरियों का शक सेना के जवानों पर जाए.
मालूम हो की बारामूला में अबतक चोटी काटने के 12 मामले सामने आ चुके हैं. जिसकी वजह से समूचे राज्य में रोष है.