नई दिल्ली. दिल्ली के रोहिणी में बाबा वीरेन्द्र के आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में बंधक बनाकर रखी गई 41 नाबालिग लड़कियों को पुलिस और महिला आयोग की टीम ने मुक्त कराया है. इन लड़कियों को बाबा के आश्रम में बंधक बनाकर रखा गया था.
लड़कियों की मेडिकल जांच के लिए एक डॉक्टर की टीम बुलाई गई, लेकिन लड़कियों ने मना कर दिया. जिसके बाद सबको शेल्टर होम भेज दिया गया है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि सभी महिलाओं के नारी निकेतन ले जाना चाहिए, जहां उनकी काउंसलिंग की जा सके. आश्रम में तकरीबन 200 महिलाएं और लड़कियां हैं. जिसमे 41 की नाबालिग होने की पुष्टि हुई है.
बदहवास मिली लड़कियां
विश्वविद्यालय में एक मुख्य और इसके अलावा एक वीवीआईपी आश्रम है. दोनों आश्रमों को जोड़ने के लिए एक सुरंग बनाई गई है. इसी के जरिए लड़कियों के लाने ले जाने का काम चलता था. छापेमारी के दौरान कई लड़कियां बदहवासी के आलम में मिली थी. पुलिस के मुताबिक उन्हें नशीली चीज दी गई थी.
कृष्ण बताकर गलत तरीके से छूता था
आश्रम की एक लड़की ने मीडिया से बातचीत में बताया कि बाबा लड़कियों से मालिश करवाता था. वह लड़कियों को कहता था कि वह कृष्ण है और गलत तरीके से छूता था. बाबा वीरेन्द्र वीवीआईपी जिंदगी जी रहा था. उसके पास 9 लग्जरी कारें हैं, जिनमे जिसमे मर्सडीज से लेकर ऑडी शामिल है.