इंदौरा (कांगड़ा). मछली उत्पादन में पौंग बांध ने अच्छी खासी मार्किट तैयार कर ली है. यहां की मछली की मांग अब हिमाचल ,पंजाब व जम्मू -कश्मीर सहित दिल्ली तक है. बेहतरीन प्राजति के कारण झील की मछलियां काफी मंहगी है. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार पौंग बांध कि मछली के दाम में 25 फीसद बढ़ोतरी हुई है.
पौंग जलाशय में दो हजार मछुआरे मछलियां पकड़कर विभाग की 15 मत्स्य सहकारी सभाओं के पास जमा करवाते है और यहां से ही देशभर में भेजी जाती है. इस साल अप्रैल में जो दाम तय किए गए हैं. वह 31मार्च ,2018 तक यथावत रहेंगें. नीलामी प्रक्रिया में इस साल मछली के सबसे ज्यादा रेट मत्स्य सहकारी सभा डाडासीबा के रहे हैं. यहां गर्मियों में 161 रुपये तो सर्दियों में 250 रुपये प्रति किलोग्राम दाम तय किए है. सबसे कम रेट मत्स्य सहकारी सभा स्थाना के हैं.
24 हजार हेक्टेयर में है झील
पौंग बांध से बनी महाराणा सागर झील 24 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में है. झील की लबाई 42किलोमीटर तो चौडा़ई 19 किलोमीटर है. पौंग बांध में रहु, सिंघाडा़ ,महाशीर ,कतला ,मरीगन ,सोल व मली सहित अन्य प्रजातियों की मछलिया पाई जाती है.
मछली खाने आते है विदेशी परिंदे
पौंग झील में मछली खाने के लिए विदेशी परिंदे भी आते है. विदेशी पक्षियों की यहां सर्दियों के दौरान होने वाली आवक भी पर्यटकों को आकर्षित करती है.
बरोट की ट्राउट का भी कोई सानी नहीं
हिमाचल के मंडी व कांगडा़ की सीमा पर बरोट व मुल्थान की ऊहल व लंबाडग दरिया में पाई जाने वाली ट्राउट के दाम 450 रुपये प्रति किलो है. बरोट की ट्राउट की भी प्रदेश व देश में काफी मांग है. पौंग झील की मछली की काफी मांग है. यहां विभाग मत्स्य पालन को बढा़वा दे रहा है.देशभर में पौंग की मछली का अधिकतम मूल्य सबसे अधिक है. ट्राउट को भी बढा़वा देने के लिए कदम उठाए जा रहे है.