सोलन. बीती देर रात को सोलन में एक गर्भवती महिला की अचानक तबियत बिगड़ने लगी, उस समय महिला का पति उसे क्षेत्रीय हॉस्पिटल लेकर गया. लेकिन वहां के डॉक्टर्स डेढ़ घंटे तक अपनी बातों में मशगूल रहे. किसी डॉक्टर का ध्यान महिला की ओर नहीं गया. कुछ घंटों बाद वहां के सहायकों ने महिला को इंजेक्शन लगाकर घर भेज दिया. घर जाकर महिला की तबियत दोबारा खराब हो गई, फिर से उसे जब हॉस्पिटल लाया गया तो उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
मृतका के पति ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है की ड्यूटी में कोताही बरतने पर महिला डॉक्टर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने यह आरोप लगाया है कि केवल सही ईलाज न मिलने की वजह से उसकी पत्नी आज दुनिया में नहीं है.
वहीं, जब इस बारे में मुख्य डॉक्टर अधिकारी महेश गुप्ता से पूछा गया तो वह इस मामले पर मिट्टी डालते नजर आए. उन्होंने किसी भी जांच से पहले ही डॉक्टर को निर्दोष साबित करने की कोशिश भी शुरू कर दी. बाद में यह आश्वासन भी दिया कि इस मामले की जांच करेंगे, जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.
बताते चले कि इस अस्पताल में पहले भी कई दर्जनों मौतें हो चुकी है. जिस पर कई बार जांच भी बिठाई गई. हैरानी वाली बात यह है कि मरीज को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा, लेकिन आज तक एक भी डॉक्टर पर कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है.