अंब. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के द्वारा अंब में अगस्त महीने के अंत में चलाए जाने बाले खसरा-रुबैला टीकाकरण अभियान को लेकर सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस अभियान के तहत 9 माह से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चों को खसरा-रुबैला टीके की एक अतिरिक्त खुराक दी जाएगी. पहले सप्ताह में यह टीकाकरण अभियान अंब स्वास्थ्य खंड के लगभग 280 सरकारी व गैरसरकारी स्कूलों में चलाया जाएगा. उसके अगले सप्ताह में आउटरीच टीकाकरण कार्यक्रम को शुरू किया जाएगा. कार्यक्रम का लक्ष्य एक महीने में 35 हजार से अधिक योग्य बच्चों को खसरा-रुबैला टीकाकरण के द्वारा रोगों से बचाना है.
चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके वर्मा ने बताया कि खसरा एक जानलेवा बिमारी है, इसके दुष्परिणामों से बच्चों में डीएसटी, निमोनिया तथा अन्य खतरनाक बीमारियां पैदा हो सकती है. बच्चे की मृत्यु तक भी हो सकती है. इसी तरह रुबैला भी एक संक्रामक तथा जानलेवा बिमारी है, जिसमें गर्भावस्था के दौरान शिशु जन्मजात दोषों के साथ पैदा हो सकते है. इस बिमारी की चपेट में आने पर अंधापन, बहरापन, कमजोर दिमाग, दिल की बीमारियों के साथ कई बार शिशु समय से पहले जन्म लेता है या मृत पैदा होता है.
उन्होंने बताया कि उपरोक्त दोनों बिमारियों के लिए एक ही टीका इस अभियान के दौरान लगाया जाएगा. जिसके बाद रूटीन टीकाकरण में शामिल करके 9 माह पर पहली खुराक व 16 से 24 माह के बीच दूसरी खुराक दी जाएगी.
डॉ. वर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य खंड, अंब के प्रत्येक स्कूल से दो-दो (प्रिंसिपल व नोडलटीचर) अध्यापकों के अनुसार करीब 550 अध्यापकों को 6 बैचों में इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए 152 आशा तथा 332 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को समय-समय पर प्रशिक्षित किया जा रहा है.