बिलासपुर. आम तौर पर हिमाचल को देवभूमि के नाम से ही जाना जाता रहा है लेकिन कोटखाई की घटना ने प्रदेश की इस उपलब्धि को छीन लिया है. इस निर्मम घटनाक्रम के बाद हिमाचल प्रदेश ही नहीं बल्कि राज्य के बाहर रह रहे लोग भी गुस्से में हैं. युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक सभी एक सुर में कह रहे हैं कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को फांसी होनी चाहिए. यह बात जिला भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सुभाष ठाकुर ने बिलासपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कही. इस मामले में सरकार को घेरते हुए उन्होने कहा कि कोटखाई में दसवीं की छात्रा के साथ हुआ बलात्कार और निर्मम हत्या, हिमाचल का निर्भया कांड हो चुका है.
लंगड़ी होती कानून व्यवस्था
इस घटना से साबित होता है कि हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रही. ऐसी अमानवीय घटना देवभूमि को कलंकित ही नहीं कर रही बल्कि सरकार की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर रही है. क्योंकि अब भी असली अपराधियों का कोई अता-पता नहीं है. प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति के बिगड़ने का आरोप लगाते हुए सुभाष ठाकुर ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. सुभाष ने कहाकि हाल की कुछ घटनाओं से राज्य में माहौल पूरी तरह खराब हो गया है. राज्य की कानून व्यवस्था पंगु हो गई है. आज राज्य में माफिया और गुंडाराज का बोलबाला है. केंद्रीय गृह मंत्रालय को तत्काल हस्तक्षेप कर संविधान के प्रावधानों के अनुरूप राज्य सरकार को उचित दिशा-निर्देश प्रदान करना चाहिए. ताकि राज्य में शांति एवं सुरक्षा का माहौल स्थापित किया जाए
गौरतलब है कि, घटना के शुरुआती 10 दिन तक राज्य पुलिस इस जघन्य अपराध के प्रति लापरवाह रही तथा लीपा-पोती करने का प्रयास करती रही. दरअसल, इस अपराध में लिप्त अपराधियों को राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है. राज्य की मशीनरी, अपराधियों को बचाने में तुली हुई है. राज्य पुलिस ने इस अपराध की छानबीन करने के गंभीर प्रयास करने की बजाय इस केस को सीबीआई को सौंपकर अपना कर्तव्य पूरा कर लिया है.