कांगड़ा (जयसिंहपुर). जयसिंहपुर की मशहूर चीजों में से एक है महाराजा संसार चंद द्वारा बनवाया गया ऐतिहासिक मैदान, मगर समुचित देखरेख के अभाव और स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के चलते समय समय पर इसके साथ खिलवाड़ होता रहता है. कभी इस ऐतिहासिक मैदान में गड्डा खोदकर कंकरीट का वोलीबाल कोर्ट बनाने की कोशिश होती है तो कभी कलामंच बनाने का काम शुरू हो जाता है. खैर, कलामंच को आगे बढाने का काम तो पंचायत प्रधान राजपाल धीमान के हस्तक्षेप से रुक गया है. साथ ही लोगों के विरोध के चलते वोलीबाल कोर्ट का काम भी रोक दिया गया है. लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी मलबे , पत्थर बजरी आदि को मैदान से नहीं हटाया गया है.
प्रशासन की अनदेखी का एक और उदाहरण है मैदान में हर तरफ फैली गन्दगी. हालांकि अभी कुछ दिन पहले ही राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जयसिंहपुर के एन.एस.एस. स्वयंसेवियों ने ऐतिहासिक मैदान की सफाई की थी, मगर गन्दगी दोबारा फ़ैल गयी है. स्थानीय निकाय द्वारा यदि मैदान मे कूड़ेदान रखवा दिए गए होते तो शायद किसी हद तक जगह जगह फैली गंदगी पर कुछ नियंत्रण होता. मगर उनके अभाव में कूड़ा जगह जगह बिखरा हुआ है.
इसके अलावा वाहन चालाक बेख़ौफ़ मैदान में वाहन चलाते देखे जा सकते हैं. वाहनों की आवजाही के चलते मैदान में गड्डे ही गड्डे हो गए हैं .जिसके कारण टहलने वालों और खिलाडियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मैदान को कुछ गाडी चालकों ने पार्किंग के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. साथ ही साथ, आवारा पशु भी मैदान में इधर उधर घूमते रहते हैं लेकिन प्रशासन आँखें मूंदे हुए है. उपमंडल के एकमात्र ऐतिहासिक मैदान का सौन्दर्यीकरण करना तो दूर, स्थानीय पंचायत और प्रशासन इसे मौजूदा स्थिति में भी संजोकर नहीं रख पा रहे हैं.
इसका एक अन्य उदाहरण है मैदान के बीच बना एक बड़ा सा गड्डा, जिससे भी मैदान की सुंदरता को ग्रहण लग रहा है. इसे बंद करवाने के लिए आम लोगों द्वारा राज्य स्तरीय दशहरा से कई महीने पहले विभाग से बार बार आग्रह किया गया लेकिन विभाग के कानों तले जूं तक न रेंगी. शायद प्रशासन व स्थानीय पंचायत द्वारा 18 दिसंबर का इंतज़ार किया जा रहा है कि आने वाला विधायक ही ऐतिहासिक मैदान की देखभाल का ज़िम्मा संभालेगा.