नीति आयोग के सीईओ ने कहा है कि भारत को अगर अगले तीन दशक तक लगातार विकास दर को 9 से 10 फीसदी तक बनाये रखना है तो तकनीकी छलांग लगाने की जरुरत है. यह तभी संभव हो पायेगा जा देश में स्टार्टअप्स को बढावा देने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का गठन किया जाए. यह बातें उन्होंने फेसबुक पर लोगों से बात करते हुए कहा. उन्होंने कहा कि यह पारिस्थितिकी तंत्र का गठन तभी हो सकता है जब माता –पिता और संस्थान विफल होने की संस्कृति को स्वीकार कर ले.
अमिताभ कान्त ने कहा कि भारत दोहरे अंक को तभी हासिल कर सकता जब भारत की युवा पीढ़ी नौकरी ढूंढने के बजाय लोगों को नौकरी देना सीखे. उन्होंने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि “बड़ी कंपनियां रोजगार पैदा नहीं करती है, युवा कंपनियां ही रोजगार पैदा करती हैं. इसलिए हमें भारी मात्रा में प्रौद्योगिकी और नवाचार की आवश्यकता होगी.’ इस पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में अटल इंकूबेसन केंद्र (एआईसी) स्थापित करने जा रही है, जिसका लक्ष्य नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना है.