शिमला. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज शिमला के निकट मशोबरा से राज्य स्तरीय ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान का शुभारम्भ किया. इस अभियान को जन-आन्दोलन के रूप में चलाया जाएगा, जो 2 अक्टूबर को सम्पन्न होगा.
इस विशेष अभियान में स्वच्छता के लिये जागरूकता लाने के साथ-साथ ‘खुला शौचमुक्त’ पर बल दिया जाएगा.
इस अवसर पर राज्यपाल ने मशोबरा बाजार में खुद झाड़ू उठाकर कूड़ा-कचरा साफ कर स्वच्छता का संदेश दिया.
राज्यपाल ने कहा कि दुनिया की कोई भी संस्कृति बिना स्वच्छता और सफाई के आगे बढ़ नहीं सकती. हिमाचल प्रदेश देवी-देवताओं में आस्था रखने वाला राज्य है, जहां प्रकृति ने भरपूर सौंदर्य प्रदान किया है. न केवल स्वास्थ्य के लिये बल्कि पर्यटन के लिये भी सफाई का यहां विशेष महत्व है.
राज्यपाल ने कहा कि आधुनिक भारत को स्वच्छता और सफाई का पहला संदेश महात्मा गांधी ने दिया था, जिनका मानना था कि स्वच्छता और नागरिक मूल्य ही राष्ट्रवाद की नींव हैं.उन्होंने कहा कि यह स्वच्छता अभियान 15 दिन चलेगा. प्रधानमंत्री ने 15 सितंबर से 2 अक्टूबर 2017 तक राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान चलाया है जिसे ‘स्वच्छता ही सेवा है’ का नारा दिया गया है.
राज्यपाल ने कहा कि छोटे-छोटे राष्ट्रों ने स्वच्छता को लेकर अपनी अलग पहचान बनाई है. हमें भी स्वच्छता अपनाना चाहिये. हमारा आस-पास का क्षेत्र स्वच्छ होगा तो देश भी स्वच्छ बनेगा तथा हर नागरिक स्वस्थ होगा. राज्यपाल ने इस अवसर पर लोगों को स्वच्छता की शपथ भी दिलाई.
इस कार्यक्रम में शिमला नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट, नगर निगम के आयुक्त जी.सी. नेगी, कई निगम पार्षद, ग्राम पंचायत मशोबरा के प्रधान बी.आर गर्ग, जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी तथा स्थानीय लोग के साथ विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थी भी इस अवसर पर मौजूद थे.राज्यपाल ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह तथा प्रदेश सरकार के मंत्रियों, सांसदों एवं विधायकों को भी इस अभियान के बारे में पत्र लिखा है. उन्होंने इस जन आंदोलन में सबका सहयोग मांगा है.