मंडी(जंजैहली). मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृहक्षेत्र में एसडीएम कार्यालय को बदलने के बाद शुरू हुआ विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. डेढ़ वर्ष पूर्व खुले एसडीएम कार्यालय जंजैहली की अधिसूचना रद्द होने पर क्षेत्र के लोग लामबंद होने लगे हैं. शनिवार को दूसरे दिन भी लोगों ने विरोध में बाजार बंद रखा और रोष रैली निकाल कर धरना प्रदर्शन किया.
इसके साथ ही जंजैहली के लोगो के समर्थन में छतरी के लोग भी शामिल हो गए हैं. जंजैहली से एसडीएम कार्यालय को बदलने को लोग क्षेत्रवाद से जोड़ कर देख रहे हैं. उनका मानना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर थुनाग-बगस्याड क्षेत्र से संबंधित हैं. ऐसे में जंजैहली की अनदेखी हो रही है.
हाईकोर्ट ने रद्द की अधिसूचना
जयराम ठाकुर के लिए मुश्किल इस बात की है कि यह उनका गृह क्षेत्र है. गौरतलब है कि चार जनवरी 2018 को हिमाचल हाईकोर्ट ने जंजैहली में एसडीएम कार्यालय की अधिसूचना को रद्द कर दिया, जिसको लेकर अब लोग विरोध पर उतर आए हैं. शुक्रवार को जंजैहलीवासियों ने एक शांतिपूर्ण रैली निकाली थी.
इधर, सराज कांग्रेस भी जंजैहली की जनता के इस आंदोलन को हवा देने में लगी है. क्योंकि कांग्रेस शासन में जंजैहली में एसडीएम कार्यालय खुला था. स्थानीय जनता ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तो चक्का जाम, तीन दिन तक बाजार बंद और इससे उग्र प्रदर्शन भी हो सकता है.
इधर, एसडीएम सुरेंद्र मोहन ने स्थानीय लोगों से संयम बरतने का आग्रह किया है. रैली के पश्चात लोगों ने 50 सदस्यीय संघर्ष समिति का गठन किया है. नरेंद्र कुमार समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं.
नरेंद्र कुमार ने कहा कि नोटिफिकेशन को यथावत रखा जाए और उपमंडलाधिकारी कार्यालय को जंजैहली में ही रहने दिया जाए.
सराज ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश रेड्डी ने कहा कि सराज के सम्मान के लिए मुख्यमंत्री महोदय लोगों की भवनाओं को समझें क्योंकि एक बार जब कोई संस्थान खुल जाता है और उसे अन्यत्र ले जाने से जनभावना आहत होती है.