नई दिल्ली: देश के वरिष्ठ राजनेता एवं पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री की कमान संभालने वाले प्रकाश सिंह बादल का 95 साल की उम्र में मंगलवार को मोहाली के एक प्राइवेट अस्पताल में निधन हो गया. वे 2017 तक पंजाब के मुख्यमंत्री थे. बीते शुक्रवार सुबह ही तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
मार्च 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से राजनीति से थे दूर
प्रकाश सिंह बादल 2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में हार गए थे. बादल के लंबे राजनीतिक करियर की यह पहली हार थी. अधिक हो चली उम्र के कारण वे चुनाव तो लड़ना नहीं चाहते थे, लेकिन बेटे सुखबीर बादल के कहने और पंजाब में अकाली दल की लगातार बिगड़ती स्थिति को देखते हुए प्रकाश सिंह बादल चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन फिर भी नतीजे उनके अनुकूल नहीं रहे.
सबसे कम उम्र के सरपंच और सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार
प्रकाश सिंह बादल ने साल 1947 में राजनीति शुरू की थी. उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. तब वे सबसे कम उम्र के सरपंच बने थे. 1957 में उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा. 1969 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की. 1969-70 तक वे पंचायत राज, पशु पालन, डेयरी आदि मंत्रालयों के मंत्री रहे.
इसके अलावा वे 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने. वे 1972, 1980 और 2002 में विरोधी दल के नेता भी बने. मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री रहते वे सांसद भी चुने गए. 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद वे सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार भी बने.
कैंसर से पत्नी की मृत्यु हुई तो छेड़ी मुहिम
24 मई 2011 को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की पत्नी सुरिंदर कौर बादल का कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद PGI में निधन हो गया था. तब सुरिंदर कौर 72 साल की थीं. सुरिंदर कौर गले के कैंसर से पीड़ित थीं. पत्नी के देहांत के बाद मुख्यमंत्री रहते हुए प्रकाश सिंह बादल ने कैंसर के खिलाफ मुहिम छेड़ दी थी.
घर-घर में कैंसर के मरीजों को डायग्नोस करवाया गया था. इतना ही नहीं, सरकारी अस्पतालों में कैंसर के इलाज में तेजी बादल के कारण ही संभव हुई थी. सीएम रिलीफ फंड भी प्रकाश सिंह बादल ने शुरू करवाया था. जिसमें कैंसर के मरीजों की फाइल पास होने के बाद उन्हें फाइनेंशियल सहायता दी जाती थी, ताकि पीड़ित अपना इलाज करवा सकें.
देश के सबसे बुजुर्ग नेता, 2 दिन का राष्ट्रीय शोक
बादल देश की राजनीति के सबसे बुजुर्ग नेता थे. उनके निधन पर केंद्र सरकार ने दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया है, जिसमें दो दिन पूरे देश में लगा ध्वज आधा झुका दिया जाएगा. वहीं सभी आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं. पंजाब में कल गुरुवार को सरकारी छुट्टी की घोषणा कर दी गई है.