सोलन. सोलन के शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी पढ़ाई में नहीं बल्कि धुएं के छल्ले बनाने में मसरूफ है. घर से तो वह माता-पिता का सपना पूरा करने के लिए शिक्षा ग्रहण करने आते है. लेकिन यह जो शिक्षा ग्रहण कर रहे है वह आपके सामने है.
निजी स्कूल हो या सरकारी सभी स्कूलों के विद्यार्थी शिक्षण संस्थानों से बंक मारकर सुनसान इलाकों में सरेआम नशा करते नजर आते है. प्रदेश में धूम्रपान खुले में पूरी तरह से निषेध है. नशे के विरोध में कितनी ही जागरूकता रैलियों का आयोजन किया जा रहा है. लेकिन उसके बावजूद भी विद्यार्थियों की जवानी को घुन की तरह नशे की धुन चाटती जा रही है.
सख्ती नहीं, केवल बच्चों को प्यार से ही समझाना पड़ता है
इस बारे में शिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्यों का कहना है कि वह समय-समय पर विद्यार्थियों पर सख्ती करते आ रहे है. शिकायत मिलने पर औचक निरीक्षण भी किया जाता है. उन्होंने कहा कि आज के समय में बच्चों के साथ सख्ती नहीं कर सकते केवल बच्चों को प्यार से ही समझाना पड़ता है.
वह समय-समय पर उनके स्कूल बैग चैक करते है उनपर कड़ी नज़र रखी जाती है. विद्यार्थी के परिजन और अध्यापक दोनों मिल कर बच्चों को सुधारने की कोशिश करें तो जा कर बच्चों को इस आदत से छुटकारा दिलाया जा सकता है.