नई दिल्ली. बेंगलुरू की वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की राज राजेश्वरी स्थित उनके आवास पर तीन गुंडों द्वारा की गयी हत्या रातोंरात सोशल मीडिया पर छा गयी है. गौरतलब है कि गौरी लंकेश, मशहूर कन्नड़ पत्रिका ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ की संपादक थीं. वह लगातार केंद्र सरकार और हिंदुत्ववादी राजनीति की खिलाफ मुखर हो कर लिख रही थी. सोशल मीडिया पर कुछ पत्रकारों ने उनकी हत्या को उनकी मुखर आवाज़ के प्रतिफल के रूप में चिन्हित कर उनकी आलोचना की है.
गौरी लंकेश के मित्र और जानने वाले उनकी हत्या को धर्मनिरपेक्ष बुद्धिजीवियों की लगातार हो रही हत्याओं की अगली कड़ी के रूप में देख रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों में, गोविंद पानसरे, एम एम कलबुर्गी और नरेंद्र दाभोलकर की हत्या भी कुछ इसी तरह की गयी थी. पिछले दिनों आयीं जांच में इस बात का खुलासा हो चुका है कि इन तीनों ही हत्याओं का तरीका एक सा था और इनकी हत्याओं के पीछे किसी एक ही व्यक्ति या समूह का हाथ हो सकता है.
ऐसे में गौरी लंकेश की हत्या धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक मूल्यों के लिये लड़ने वाले नागरिकों के ऊपर एक नये किस्म का दवाब का पैदा कर रही है. विभिन्न पत्रकार संगठनों और वुद्धिजीवियों के समूहों ने इस हत्या की कठोर आलोचना की है. ट्विटर और फेसबुक पर उनके लिये शोक संदेशों की झड़ी लगी है. दिल्ली प्रेस क्लब और इंडियन वीमेन प्रेस क्लब से संयुक्त अभियान के तहत आज दोपहर 3 बजे प्रेस क्लब ऑफ इंडिया दिल्ली में एक विरोध प्रदर्शन रखा है.