भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद के बाद भी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी, चीनी राजदूत लुओ झाओहुई से मिलकर आए हैं. इस मुलाकात के बाद राजनितिक सरगर्मी तेज हो गई है. इससे पहले कांग्रेस ने यह स्वीकार किया था कि राहुल गाँधी किसी भी चीनी राजनायिक से नहीं मिले हैं और बाद में उनके तरफ से ही यह बयान आया कि राहुल गाँधी ने चीनी दूतावास जाकर लुओ झाओहुई से मुलाकात की.
सोमवार को कांग्रेस पार्टी का इकरार और इनकार का खेल चलता रहा. बाद में कांग्रेस ने कहा कि राहुल गाँधी ने भारत में भूटान के राजदूत शिवशंकर मेनन से भी मुलाकात की थी और इसी को लेकर पार्टी के प्रवक्ता मनीष तिवारी का कहना है कि विपक्ष की पार्टी के उपाध्यक्ष होने के नाते ऐसे लोगों से मिलना–जुलना लगा रहता है.
मनीष तिवारी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री जर्मनी में चीनी राष्ट्रपति से मिलते हैं तो लोगों को दिक्कत नहीं होती. वहीं भारत सरकार के तीन केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर, जेपी नड्डा और महेश शर्मा तीन दिन के चीन दौरे पर जाते हैं तो कोई सवाल नहीं खड़ा करता है.
गौरतलब है कि, मनीष तिवारी ने राहुल गाँधी और लुओ झाओहुई के बीच क्या बात हुई, इस बारे में मीडिया को कुछ नहीं बताया.