मंडी. एक बार फिर से कांग्रेस के बीच चल रही अंतर्कलह सामने आई है. राज्य सरकार ने पांच वर्षों के विकास कार्यों का गुणगान करने के लिए मंडी में जो रैली बुलाई थी, उसमें मंडी जिला से कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता को ही नज़र अंदाज कर दिया गया. बात पूर्व केंद्रीय संचार राज्य मंत्री पंडित सुखराम की हो रही है.
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में चाणक्य कहे जाने वाले पंडित सुखराम भले ही सक्रिय राजनीति से दूर हो गए हैं. लेकिन इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए वह दिल्ली से मंडी विशेष रूप से पहुंचे थे. मंडी पहुंचकर पता चला कि उन्हे कार्यक्रम का निमंत्रण ही नहीं दिया गया है.
बता दें कि बीते दिनों पंडित सुखराम और सीएम वीरभद्र सिंह लंबे समय के बाद एक मंच पर इकट्ठा हुए थे और उस दौरान दोनों में जुबानी जंग भी हुई थी. सीएम वीरभद्र सिंह ने पंडित सुखराम को आया राम-गया राम तक कह दिया था.
चर्चा है कि कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने ही पंडित सुखराम और उनके पोते आश्रय शर्मा को रैली से दूर रखने की मांग उठाई थी. यहां तक कहा था कि अगर यह दोनों आए तो वह रैली में नहीं आएंगे. इसी कारण इन्हे रैली से दूर रखा गया. अब इस बात को लेकर मंडी शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि पूर्व केंद्रीय संचार राज्य मंत्री पंडित सुखराम और उनके पोते यानी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव आश्रय शर्मा की अनदेखी क्यों की गई.